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बुधवार, 23 मई 2018

Wajood Se : Nakaamyaab !!

बड़ी बेतरतीब सी रही ज़िन्दगी 
न कोई बायस न कोई मकाम ,
कभी डूबती और कभी उबरती रही ज़िन्दगी 
तेज़ धारे पर और कभी काम रफ़्तार पर 
बहती रही ज़िन्दगी 
न ज़िन्दगी को कोई उम्मीद रही हमसे 
न हमारी रही कोई उम्मीद ए  ज़िन्दगी 
खुदा की तोहफे में दी गई एक नायाब नेमत,
इसी तरह उजडती ,बनती ,बिगड़ती रही ज़िन्दगी 
बनाने की कोशिश करते रहे ताउम्र 
लेकिन बानी ,बानी रही बस एक फ़र्ज़ ज़िन्दगी 
किया बहुत कुछ,न टूटा करने का सिलसिला आज तक 
फिर भी कुछ दिखे कुछ दिखा सकें 
ऐसा तो कुछ डनहि दिखा सकी ज़िन्दगी 
कोशिशें करते रहे कामयाबी की नाकामयाब ,
ना जाने क्यों इतना रूठी रही ज़िन्दगी 
जीते रहे सबको खुश करने के सबब 
दांव पे लगाते रहे खुद को ,खुद की खुशियों को 
कोई भी खुश हो न सका 
बस क़र्ज़ की तरह अदा हुई ज़िन्दगी !

नाकामयाब :असफल,सबब: उद्देश्य से,अदा करना :चुकाना ,बायस :उद्देश्य ,मकाम:मंज़िल,बेतरतीब:अस्तव्यस्त,नेमत:जिसकी तुलना न की जा सके,उबरती:सतह पर आती रही   

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