क्या गरीबी और क्या अमीरी ,
अपनी तो जायदाद फकीरी ,
ना कुछ लाया न ले जाना ,
क्या लेखा जोखा क्या तहरीरी
इस सराय में चार दिनों की ,
रिहाईश है हमरी तुम्हरी
फक्कड़ बन कर जियो ज़िन्दगी
नेक बनो करो नेकी
सर उठा कर जियो ,मारो शान से
ताकि उस दरबार में यारों ,
फख्र से दे सको हाज़री
वहां जाना है बारी बारी
मेरी बातें गाँठ बाँध लो
सबक ये पहला और आखरी ,
झूठ नहीं यह पूरा सच है
बातें मेरी खरी खरी
तहरीरी: लिखित रूप में ,फख्र: गर्व ,रिहाईश : निवास स्थान
अपनी तो जायदाद फकीरी ,
ना कुछ लाया न ले जाना ,
क्या लेखा जोखा क्या तहरीरी
इस सराय में चार दिनों की ,
रिहाईश है हमरी तुम्हरी
फक्कड़ बन कर जियो ज़िन्दगी
नेक बनो करो नेकी
सर उठा कर जियो ,मारो शान से
ताकि उस दरबार में यारों ,
फख्र से दे सको हाज़री
वहां जाना है बारी बारी
मेरी बातें गाँठ बाँध लो
सबक ये पहला और आखरी ,
झूठ नहीं यह पूरा सच है
बातें मेरी खरी खरी
तहरीरी: लिखित रूप में ,फख्र: गर्व ,रिहाईश : निवास स्थान
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