तुम आये तो आई बहार
तुम न आते तो क्या होता
तुमसे ख़ुशी मिली हर बार
गर होते अकेले तो क्या होता
गुज़र गई हँसी ख़ुशी अब तक
तुम देते न साथ तो क्या होता
रोशन कर दी ज़िन्दगी तुमने
गर अँधेरे होते तो क्या होता
डूबती उतरती मेरी कश्ती
तुम पार न लगाते तो क्या होता
बदहवास सी ढूँढ रही थी साहिल
आते न तुम करीब तो क्या होता
टूट टूट कर बिखरने को थी
गर तुम सम्हाल न लेते तो क्या होता
परेशान सी लड़ रही थी परेशानी से
तुम करते न आसान तो क्या होता
चली जा रही थी अकेली ही जाने कहाँ
तुम थामते न हाथ तो क्या होता
अकेलापन बन रहा था वीरानी
तुम बनते न बागबान तो क्या होता
तुम क्या हो क्या कहूं तुमसे
कब कब क्या दिया तुमने
मेरी तार तार होती ज़िन्दगी के
बनते न निगहबान तो क्या होता !!
निगहबान : रखवाला ,बागबान : माली,बदहवास : घबराया हुआ होना ,तार तार होना : टूटना ,साहिल :किनारा
तुम न आते तो क्या होता
तुमसे ख़ुशी मिली हर बार
गर होते अकेले तो क्या होता
गुज़र गई हँसी ख़ुशी अब तक
तुम देते न साथ तो क्या होता
रोशन कर दी ज़िन्दगी तुमने
गर अँधेरे होते तो क्या होता
डूबती उतरती मेरी कश्ती
तुम पार न लगाते तो क्या होता
बदहवास सी ढूँढ रही थी साहिल
आते न तुम करीब तो क्या होता
टूट टूट कर बिखरने को थी
गर तुम सम्हाल न लेते तो क्या होता
परेशान सी लड़ रही थी परेशानी से
तुम करते न आसान तो क्या होता
चली जा रही थी अकेली ही जाने कहाँ
तुम थामते न हाथ तो क्या होता
अकेलापन बन रहा था वीरानी
तुम बनते न बागबान तो क्या होता
तुम क्या हो क्या कहूं तुमसे
कब कब क्या दिया तुमने
मेरी तार तार होती ज़िन्दगी के
बनते न निगहबान तो क्या होता !!
निगहबान : रखवाला ,बागबान : माली,बदहवास : घबराया हुआ होना ,तार तार होना : टूटना ,साहिल :किनारा
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