चढ़ी जवानी गर्मी नू----
हाय हाय गर्मी ,उफ़ उफ़ गर्मी
दिल्ली की ये ज़ालिम गर्मी
पसीने से सबको नहलाती गर्मी
जीते जी जहन्नुम की
सैर कराती गर्मी
जवानी का जलवा दिखाती गर्मी
सुबहो शाम ,दिन रात ,
इक पल भी चैन ना लेने देती ,
क्या क़यामत ढाती गर्मी ,
इंसानो को जीते जी ही
भुनती ,उबालती ,सेंकती ,
कबाब बनाती गर्मी
लगता है कभी ख़त्म ना होगी
जाने कहाँ से आती गर्मी
अब बस ! अब बस !! करते इंसानो को
बेबस बनाती गर्मी !!
हाय हाय गर्मी ,उफ़ उफ़ गर्मी
दिल्ली की ये ज़ालिम गर्मी
पसीने से सबको नहलाती गर्मी
जीते जी जहन्नुम की
सैर कराती गर्मी
जवानी का जलवा दिखाती गर्मी
सुबहो शाम ,दिन रात ,
इक पल भी चैन ना लेने देती ,
क्या क़यामत ढाती गर्मी ,
इंसानो को जीते जी ही
भुनती ,उबालती ,सेंकती ,
कबाब बनाती गर्मी
लगता है कभी ख़त्म ना होगी
जाने कहाँ से आती गर्मी
अब बस ! अब बस !! करते इंसानो को
बेबस बनाती गर्मी !!
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