गद्दार ----३
आँखें फैली रह जावें हैं देश विरोधी नारे सुन कर
हक्के बक्के होवें सारे ये दबंगई देख देख कर
कहते हैं "ये विद्यार्थी सारे""लिख लोढा पढ़ पत्थर "
जिन्हें कहीं भी "एडमिशन " मिले ना,सर पटक पटक कर
मुफ्त पढ़ाई मुफ्त का भोजन खाएं जी भर भर कर
फिर भी देश से नमक हरामी ? शर्म कर शर्म कर !
वो सारे यहाँ आ जाते ,दुनिया के धक्के खाकर,
सड़ा गला छटउआ माल, भरा हुआ यहाँ पर
जो इनके बचाव में बोले ,वो इन जैसे इनके "मैडम - सर "
लिखने पढने से इनको क्या मतलब,क्लास लगाएं सड़क पर,
लानत भेजो इन गद्दारों पर,कोसो जी भर भर कर !!
आँखें फैली रह जावें हैं देश विरोधी नारे सुन कर
हक्के बक्के होवें सारे ये दबंगई देख देख कर
कहते हैं "ये विद्यार्थी सारे""लिख लोढा पढ़ पत्थर "
जिन्हें कहीं भी "एडमिशन " मिले ना,सर पटक पटक कर
मुफ्त पढ़ाई मुफ्त का भोजन खाएं जी भर भर कर
फिर भी देश से नमक हरामी ? शर्म कर शर्म कर !
वो सारे यहाँ आ जाते ,दुनिया के धक्के खाकर,
सड़ा गला छटउआ माल, भरा हुआ यहाँ पर
जो इनके बचाव में बोले ,वो इन जैसे इनके "मैडम - सर "
लिखने पढने से इनको क्या मतलब,क्लास लगाएं सड़क पर,
लानत भेजो इन गद्दारों पर,कोसो जी भर भर कर !!
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