मेरे बारे में---Nirupama Sinha { M,A.{Psychology}B.Ed.,Very fond of writing and sharing my thoughts

मेरी फ़ोटो
I love writing,and want people to read me ! I some times share good posts for readers.

रविवार, 1 दिसंबर 2019

Lalu ki rail !!

लालू की रेल ---{ लालू जी के रेल मंत्री बनने के दौरान लिखी कविता }-----
ख़ुशी मनाओ खुश हो जाओ
लालू जी को मिल गयी रेल
जरूरत नहीं टिकट लेने की
भैया अब कर लो मुफ्त की सैर
अजब ढंग ही गजब धा गया
भेद समझ ना हमको आया
इतने लोकप्रिय हैं लालू
बाहर हों या अंदर जेल
लालू का दल हो गया पास
बाकि सारे हो गए फेल
सारे के सारे दिए बुझ गए
लालटेन में भरा है तेल
राबड़ी बोली पत्रकार से
यहाँ भी हम और वहां भी हम हैं
अब तो सारा देश हमारा
खेलेंगे सत्ता का खेल
बुद्धिमान वोटर यह सोचे
कैसा यह जनतांत्रिक मेल
पहुँच गया सिहांसन तक भी
जो कर पाया ठेलम ठेल
अगड़ा पिछड़ा दांया बांया
सबका खिचड़ा है पचमेल
कब तक देखें चल पाता है
रोज करें ये धक्कम पेल
मंत्रालय पाने के झगड़े
मैं यह लूँगा ,मैं वह लूँगा
काम करने को लालायित ?
या ढूंढे धन की रेलमपेल !

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

Dharavahik crime thriller (38) Apradh!!

Nirmal was also upset. He was not finding any way to get rid of Nikita. Though he still had hope. He changed his clothes and tried to sleep ...

Grandma Stories Detective Dora},Dharm & Darshan,Today's Tip !!