मेरे बारे में---Nirupama Sinha { M,A.{Psychology}B.Ed.,Very fond of writing and sharing my thoughts

मेरी फ़ोटो
I love writing,and want people to read me ! I some times share good posts for readers.

शनिवार, 19 अक्टूबर 2024

Dharm & Darshan !! Shiv Dhanush !! Rajendra ki kalam se !!

 वाल्मीकि रामायण में स्पष्ट लिखा है कि स्वयंवर-सभा में शिवधनुष कैसे लाया गया था। महामुनि विश्वामित्र भी उस सभा में राम-लक्ष्मण के साथ उपस्थित थे। उनकी अनुमति के बाद राजा जनक ने सुगंधित पुष्पमालाओं से सुसज्जित धनुष को सभा में लाए जाने का आदेश दिया। इसके बाद क्या हुआ? जो प्रपंच चलाया जा रहा है, उसका सारा जवाब इन पंक्तियों में है:


नृणां शतानि पंचाशद्व्यायतानां महात्मनाम्।

मंजूषामष्टचक्रां तां समूहुस्ते कथंचन।।


(वाल्मीकि रामायण 1.67.4)


इस श्लोक में एक संख्या है - शत और पंचाशद्, यानी 50 और 100. दोनों को गुना करने पर 5000 आता है। मंजूषा का अर्थ होता है बक्सा, अष्टचक्रां का अर्थ हुआ कि 8 पहियों वाला। बाकी शब्द न भी समझ आएँ तो भी इतना तो पता चलता ही है कि धनुष को एक ऐसे बक्से/गाड़ी में रखा गया था जिसमें 8 चक्के थे और 5000 लोग उसे खींच रहे थे। ये लोग भी बड़ी दिक्कतों से उसे खींच सके थे। ये सभी हट्टे-कट्टे लोग थे और अच्छे विचारों वाले भी थे। अगले श्लोक में ये भी बता दिया गया है कि ये बक्सा लोहे का था। 


बस यही एक श्लोक सारे प्रपंच का जवाब दे देता है 

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

Dharavahik crime thriller (26)Apradh !!

  It was morning Vineeta woke up first , “ Didi ! Didi !! She called Nikita , Bathroom’s door was opened. She went to the kitchen then Mom D...

Grandma Stories Detective Dora},Dharm & Darshan,Today's Tip !!