( दीपक पेरलेकर की कलम से ) सरस्वती पेरलेकर शाहपुरकर परिवार से थी इनकी दो बहने व तीन भाई थे ,एक बहन मांदळे परिवार व दूसरी धोडपकर परिवार मे ब्याही थी
मांदळे मौसी के दो पुत्र व एक पुत्री है एक पुत्र का नाम दीपक याद है खण्डवा मे इनका एक दत्त मंदीर है ,मौसी का हमारे यहा दुर्गा आत्या के साथ आना जाना था वह मेरे जनेऊ मे भी आई थी
दूसरी बहन का विवाह धोडपकर परिवार मे हुआ था इनके तीन पुत्र व एक पुत्री हुई ,बडे पुत्र वसंत धोडपकर देवास मे रहे जो ख्यात ज्योतिषाचार्य थे वसंत राव के पुत्र मनोहर (प्रोफेसर पालिटेक्नीक. सनावद)का विवाह कुमुद वैद्य से हुआ दूसरा पुत्र अरुण(बैंक नोट प्रेस देवास) का विवाह अपेक्षा विपट से हुआ वसंत की पुत्रीयो का विवाह देहाद्रय व सोनदत्तीकर परिवार मे हुआ देहाद्रय व सोनदत्तीकर दोनो इंजिनियर रहे
वसंत राव के दो और भाई रघुनाथ व भैय्या थे वसंत राव एंव रघुनाथ की एक बहन चम्पू ताई थी जो शासकिय स्कूल मे शिक्षिका थी ,वृद्धावस्था मै वह जबलपुर मे भाई रघुनाथ धोडपकर के घर रही वही पर अंत हुआ था
रघुनाथ जबलपुर मे पोस्टमास्टर थे जिन्हे दो पुत्र सतिश (अधिक्षण यंत्री हिन्दुस्तान स्टील कन्ट्रक्शन भिलाई) व सुधीर (ऐसेंन्चर नोयडा) तथा दो पुत्री या संध्या वैद्य व सुरेखा देशमुख है वसंत राव के एक भाई भैय्या ने विवाह नही किया
सरस्वती के तीन भाई थे
बडे नारायण मामा पत्नी रमा मामी मार्तण्ड चौक इंदोर मे रहते थे इन्हे दो पुत्रीया शांती आत्या व मालु आत्या थी शांती का विवाह सोनदत्तीकर परिवार से हुआ था पती भुसावल मे डिविजनल सुप्रिटेण्डट भारतीय रेल्वे मे थे उस समय जब वे बाहर दौरे पर जाते उनके लिए ट्रेन मे अलग से एक कोच लगता था इन्हे एक लडकी व दो लडके हुए एक लडका अशोक देवास मे डाक्टर है दुसरे लडके की पत्नी भोपाल मे डाक्टर है ,बडे मामा की
दूसरी लडकी मालती का विवाह मुंबई ढोबळे परिवार मे मे हुआ था
नारायण मामा के छोटे भाई की पत्नी का नाम राधा मामी था वह बहुत कम सुन सकती थी इन्हे एक पूत्र रामुभैय्या थे जो भोपाल सेक्रेटिएट मे आफिसर थे रामुभैय्या को तीन पुत्र व तीन पुत्रियाँ हुई बडी पुत्री का नाम आशुमाई था जिसने इंदोर मे हमारे घर रहते हुए एम एस सी होल्कर कालेज से किया व वही प्रोफेसर बनी इस का विवाह नाशिक कर परिवार मे हुआ पति भी प्रोफेसर थे अब भोपाल मे है
दूसरी बेटी विद्या बुरहानपुरकर का विवाह भोपाल मे हुआ वह इदोर मे टाऊन एण्ड कंट्री प्लानिग विभाग मे थी व सेवानिवृत्ती पश्चात इंजिनियर बेटे के साथ पूणे मे है ,तीसरी बेटी बेबी ने विवाह भोपाल मे श्रीवास्तव से किया वह भोपाल मे रहती है
रामुभैया का
पुत्र वसंत पीडब्लूडी नेशनल हायवे मे इंजिनियर था इदोर के टेलिफोन नगर मे बंगला बनाया था इनकी पत्नी भी इलेक्ट्रीकल इंजिनियर है इनकी दो बेटियाँ डाक्टर है एक आई स्पेशलिस्ट है जो पुणे मे है
रामुभैय्या के दो पुत्र गोविंद ओर गोपाल जुडवा भाई थे दोने जाने माने आर्टिस्ट थे एक ने सरदार लडकी से विवाह किया परंतु दोनो की संगत बिगडने से आगे बढ नही पाए इनके पुत्र होन हार निकले व इंजिनियर है मैं उनसे मिल चुका हु
बतादू की जब मेरी आई का रिश्ता पिता भाऊ के लिए आया तब सर्व प्रथम लडकी देखने उज्जैन रामूभेय्या शहापूरकर व उनकी पत्नी गये व वे वहाँ चार दिन रहे उनके द्वारा पास करने पर शादी तय हुई व१९४९ मे शादी हुई
ये मेने सुनी हुई पुरानी यादे है यदि कोई सुधार हो तो अवश्य बताए
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