दर्ज़ा !!
दुनिया में आना
और दुनिया से हो जाना फनाह
तब तक जीना ,जब तक हो आब-ओ-दाना
खुशियों के पलों का फुर्र से उड़ जाना
तकलीफों का लंबे वक़्त तक,कई बार ठहर जाना
छोटी सी ज़िन्दगी ,उलझनों का ढेर ,
अलग अलग शख्सियतें,अलग अलग क़िरदार
सबके फ़र्ज़ जुदा,रास्ते जुदा,मंज़िलें भीं जुदा,
दुनिया की नज़र में उनके ओहदे भी जुदा,
कई कई "दर्जे" बने हुए हैं ,"अव्वल नंबर " से लेकर
कुछ बस " खाया पीया कुछ नहीं गिलास तोडा बारह आना"!!
और दुनिया से हो जाना फनाह
तब तक जीना ,जब तक हो आब-ओ-दाना
खुशियों के पलों का फुर्र से उड़ जाना
तकलीफों का लंबे वक़्त तक,कई बार ठहर जाना
छोटी सी ज़िन्दगी ,उलझनों का ढेर ,
अलग अलग शख्सियतें,अलग अलग क़िरदार
सबके फ़र्ज़ जुदा,रास्ते जुदा,मंज़िलें भीं जुदा,
दुनिया की नज़र में उनके ओहदे भी जुदा,
कई कई "दर्जे" बने हुए हैं ,"अव्वल नंबर " से लेकर
कुछ बस " खाया पीया कुछ नहीं गिलास तोडा बारह आना"!!
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