मेरे बारे में---Nirupama Sinha { M,A.{Psychology}B.Ed.,Very fond of writing and sharing my thoughts

मेरी फ़ोटो
I love writing,and want people to read me ! I some times share good posts for readers.

शुक्रवार, 29 नवंबर 2019

Sher Behatreen ! Nazm ! Gazal !! {28}

नुक्ता नीचे नुक्ता ऊपर ,नुक्ता आता जाता है
खुदा जुदा की एक ही सूरत नुक्ता भेद बताता है

हम खुदा थे गर न होता दिल में कोई मुद्दआ
हमारी आरज़ूओं ने हमें बंदा बना दिया

मोहब्बत में यह लाज़िम है ,कि जो कुछ हो फ़िदा कर दें
मोहब्बत में वो ताकत है जो बन्दे को खुदा कर दे

खुदरा फजीहत ,दिगरा नसीहत --पर उपदेश कुशल बहुतेरे
एकपना हस्ती है हस्ती और कुछ हस्ती नहीं
बेखुदी मस्ती है ,मस्ती और कुछ मस्ती नहीं
नेस्ती हस्ती है यारों ,और कुछ हस्ती नहीं
"कुछ नहीं"सब कुछ है यारों ,और "सबकुछ " कुछ नहीं

ज़िक्रे मय तुझ से क्या कहूँ ज़ाहिद
हाय कमबख्त ---तूने पी ही नहीं

जाने कब किस मोड़ पर ,हमराह बानी हैं तनहाइयाँ
हम तो समझे थे अकेले ही हैं सफर में !

तुम्ही से शुरू तुम्ही पे ख़त्म होती है हर नज़्म मेरी
तुम ख्यालों से दूर जाओ तो कभी कुछ और लिखूं

होने वाला कोई होता है एक जो कार
ग़ैब से होते हैं शमां आशकार !

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

Dharavahik crime thriller ( 202) Apradh !!

After SI P. L. Sharma’s departure Ramanna went to the lock up to take statements of Babu Singh the owner of the Rambharose Hindu hotel. He s...

Grandma Stories Detective Dora},Dharm & Darshan,Today's Tip !!