मेरे बारे में---Nirupama Sinha { M,A.{Psychology}B.Ed.,Very fond of writing and sharing my thoughts

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शनिवार, 30 नवंबर 2019

Srishti !!

प्राकृतिक सौंदर्य ------
कितनी सुन्दर है यह सृष्टि
कभी धूप और कभी है वृष्टि
देख इसे मन तृप्त हो उठे
मिल जाये पूरी संतुष्टि।
ओढ़ी इसने धानी चुनरिया
पुष्प दिखे मनो फुलकारी
फल से लड़े वृक्ष देख कर
मरे हर मन बस किलकारी
कहीं पर्वत कहीं नदी बावरी
कहीं समंदर कहीं घाटी गहरी
फसलों से गोद भरी है इसकी
बच्चे इसके सब नर नारी
प्रार्थना यही ,कामना भी मेरी
वृक्ष लगाओ करो रखवारी
प्रदूषण भी तुम ना फैलाओ
यह हम सब की माँ है प्यारी !

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