पांच वर्षों में एक बार
आता है यह त्यौहार
मिलता है हमको अवसर
चुनने को अपनी सरकार,
नहीं चूकना है इस बार
सोचें समझें करें विचार
दूर करना है भ्रष्टाचार
करना है इस पर प्रहार
बहे विकास की सदा बयार
जाए खिजां,आये बहार
हमसब को मिल कर करना है
बुराई का अब की संहार
याद करो तुम गांधी को
और पटेल का आचार विचार
ये दोनों ही हमें मिले
गुजरात के अमूल्य उपहार
इस बार भी इस प्रदेश से
मिलेगा हमको एक उपहार
सोच समझ कर यदि करेंगे
हम प्रयोग मत का अधिकार
तो मित्रों निर्णायक क्षण है
अब की बार ----------सरकार !
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