पानी पानी --2.
नलों से निकल रहा है भयानक बदबूदार पानी,
शायद पानी की सप्लाई पाइप में लीकेज हो
{आमतौर पर होता ही है,ये तो कहानी है पुरानी }
ज़मीन के नीचे मात्र एक फ़ीट नीचे भरा है "तालाब"सा पानी ,
कई महीनों से ठहरा हुआ है सीवर का ये पानी,
चुनाव से पहले धड़ाधड़ बिछा दिए सीवर के पाइप,
शातिर नेताओं की "ठग विद्या"पुरानी
ताकि लोगों के वोटों को "कॅश" करा सकें
नहीं बनाया गया कोई मैन आउटलेट,
जिससे निकले "निकास का पानी" ,
शायद अगले चुनाव के वोटों को,
"कॅश"कराने के लिए बचा रखा था
लोगों से जमा करवा लिए सीवर कनेक्शन के रुपए,
लोगों ने उसी पाइप लाइन में डालना शुरू कर दिया ,घरों का पानी
एक महीने से,बारिश का पानी, सीवर का पानी,
पीने वाले पानी की "सप्लाई " का पानी
गड्ड मड्ड हो गया है आपस में ,ये पानी वो पानी,
जो धँसाते जा रहा है घरों के फर्श ,
दरारें डाल रहा है घरों की दीवारों में
कुछ गिर चुके हैं ,कुछ गिरने की तैयारी में है,
छत गिरने से कुछ लोग मर चुके हैं हो गए "फ़ानी"
बाकी मौत के मकानों में रहने को मजबूर हैं,
"आप" तो मज़े में हैं ,मज़े में है"आप"का परिवार,
थोड़ी तो शर्म बची होगी "आप" में,या मर गया है "आप"का पानी
जिनके वोटों की बदौलत बैठे हैं "ठसके" से सिंहासन पे
वो डोल रहा है ,जल्दी ही आपके पैरों के नीचे से ,
ज़मीन खिसकने वाली है !माफ़ नहीं करेगी जनता "आप"को
चाहे कितने किये हों काम "आप"ने अच्छे ,
फेर देगा उन सबपे पानी ,मोहन गार्डन का ये पानी !
नलों से निकल रहा है भयानक बदबूदार पानी,
शायद पानी की सप्लाई पाइप में लीकेज हो
{आमतौर पर होता ही है,ये तो कहानी है पुरानी }
ज़मीन के नीचे मात्र एक फ़ीट नीचे भरा है "तालाब"सा पानी ,
कई महीनों से ठहरा हुआ है सीवर का ये पानी,
चुनाव से पहले धड़ाधड़ बिछा दिए सीवर के पाइप,
शातिर नेताओं की "ठग विद्या"पुरानी
ताकि लोगों के वोटों को "कॅश" करा सकें
नहीं बनाया गया कोई मैन आउटलेट,
जिससे निकले "निकास का पानी" ,
शायद अगले चुनाव के वोटों को,
"कॅश"कराने के लिए बचा रखा था
लोगों से जमा करवा लिए सीवर कनेक्शन के रुपए,
लोगों ने उसी पाइप लाइन में डालना शुरू कर दिया ,घरों का पानी
एक महीने से,बारिश का पानी, सीवर का पानी,
पीने वाले पानी की "सप्लाई " का पानी
गड्ड मड्ड हो गया है आपस में ,ये पानी वो पानी,
जो धँसाते जा रहा है घरों के फर्श ,
दरारें डाल रहा है घरों की दीवारों में
कुछ गिर चुके हैं ,कुछ गिरने की तैयारी में है,
छत गिरने से कुछ लोग मर चुके हैं हो गए "फ़ानी"
बाकी मौत के मकानों में रहने को मजबूर हैं,
"आप" तो मज़े में हैं ,मज़े में है"आप"का परिवार,
थोड़ी तो शर्म बची होगी "आप" में,या मर गया है "आप"का पानी
जिनके वोटों की बदौलत बैठे हैं "ठसके" से सिंहासन पे
वो डोल रहा है ,जल्दी ही आपके पैरों के नीचे से ,
ज़मीन खिसकने वाली है !माफ़ नहीं करेगी जनता "आप"को
चाहे कितने किये हों काम "आप"ने अच्छे ,
फेर देगा उन सबपे पानी ,मोहन गार्डन का ये पानी !
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