जब इक बार बिगड़ती है तब नहीं बनती है बात
ज्यों कभी ख़त्म न होने वाली हो कोई रात
बिखर बिखर जाते हैं सारे जज़्बात
लाख कोशिशों के बाद भी नहीं बदलते हैं हालात
क्यों की यह दो की बात नहीं,तीसरे की है खुराफात
जो दिखा ही देता है अपनी जात और करामात
आप शिकार हो ही जाते हैं क्योंकि वो छुप कर करता है घात
छीन लेता है आपका चैन ,आपकी खुशियाँ बलात
खाली दिमाग ,शैतान की आंत,यही तो दे सकता है आपको सौगात
ना खुदा का खौफ ना उसके इन्साफ के समझे इशारात,
उसपर भी टूट सकता है कहर,शहंशाह नहीं है वो मुकद्दर का ,
क्यों भूल जाता है वो अपनी औकात
आसमान का सूरज नहीं है वो है ,महज एक टिमटिमाता दिया
आंधी और तूफ़ान के थपेड़ों से हो जायेगा गुल उसका वजूद ,
उसका घमंड अफरात !
ज्यों कभी ख़त्म न होने वाली हो कोई रात
बिखर बिखर जाते हैं सारे जज़्बात
लाख कोशिशों के बाद भी नहीं बदलते हैं हालात
क्यों की यह दो की बात नहीं,तीसरे की है खुराफात
जो दिखा ही देता है अपनी जात और करामात
आप शिकार हो ही जाते हैं क्योंकि वो छुप कर करता है घात
छीन लेता है आपका चैन ,आपकी खुशियाँ बलात
खाली दिमाग ,शैतान की आंत,यही तो दे सकता है आपको सौगात
ना खुदा का खौफ ना उसके इन्साफ के समझे इशारात,
उसपर भी टूट सकता है कहर,शहंशाह नहीं है वो मुकद्दर का ,
क्यों भूल जाता है वो अपनी औकात
आसमान का सूरज नहीं है वो है ,महज एक टिमटिमाता दिया
आंधी और तूफ़ान के थपेड़ों से हो जायेगा गुल उसका वजूद ,
उसका घमंड अफरात !
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