बदल गया है वक़्त ,
और लोग भी बदल गए
समझते हैं हुक्मरानों के फ़र्ज़
और अपने हक़ भी समझ गए
अब उन्हें पांच साल के लिए शहंशाह नहीं
अपनी बेहतरी की पैरोकार
इंतज़ाम मुकम्मल करने वाली
सरकार चाहिए
देश को घुन की तरह ,दीमक की तरह
चाटने वालों से हुई है अवाम को सख्त नफ़रत
जल्दी ही पूरा देश दिखाएगा यही नज़ारा
फर्श वाले अर्श पर ,अर्श वाले फर्श पर
दिखाई देंगे !
और लोग भी बदल गए
समझते हैं हुक्मरानों के फ़र्ज़
और अपने हक़ भी समझ गए
अब उन्हें पांच साल के लिए शहंशाह नहीं
अपनी बेहतरी की पैरोकार
इंतज़ाम मुकम्मल करने वाली
सरकार चाहिए
देश को घुन की तरह ,दीमक की तरह
चाटने वालों से हुई है अवाम को सख्त नफ़रत
जल्दी ही पूरा देश दिखाएगा यही नज़ारा
फर्श वाले अर्श पर ,अर्श वाले फर्श पर
दिखाई देंगे !
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