हमारा हिंदुस्तान ——
कई दिनों से देश में अपने मचा हुआ है घमासान
कहीं शाहरुख़ खान ,कहीं आमिर खान,
60 बरस की उम्र हो गई,देख देख कर के “अवाम”
मिलजुल के सब रहते आये,हिन्दू हो या मुसलमान
मिल जुल कर पायी आज़ादी ,मिले जुले थे क्रांतिकारी
बस एक फांस चुभी थी सबको ,जब बंटा मुल्क
इक हिन्दुस्तान ,इक पाकिस्तान
जाने कितनो ने दी “शहीदी”लुट गई जाने कितनी जान,
सबने चाहा मिटे “दरार” फैले “प्यार”
भेद भाव ना होने पाये ,दो कौमो के “दरमियान”
कोशिशें चलतीं रही”बदस्तूर”करते रहे “ख़ास”और “आम”
गीत संगीत,अभिनेता ,नेता, भी इक दूजे को
देते रहे “अदब ओ एहतराम”
बराबरी के दर्जे से रहना,बराबरी के हक़ पाये सबने
जाने फिर क्यों इस चिंगारी को दी जा रही है “सुलगान”
“समझदार” को क्या “समझाएं”छोडो नादानी “नादान”
पूरी दुनिया में कोई दूजा ना,ऐसा मुल्क ऐसा “मकाम”
जान से प्यारा है हम सबको,अपना प्यारा “हिन्दुस्तान”
चाचा इकबाल भी कह गए यारों “सारे जहां से अच्छा
हमारा हिन्दोस्तान”!!!
कहीं शाहरुख़ खान ,कहीं आमिर खान,
60 बरस की उम्र हो गई,देख देख कर के “अवाम”
मिलजुल के सब रहते आये,हिन्दू हो या मुसलमान
मिल जुल कर पायी आज़ादी ,मिले जुले थे क्रांतिकारी
बस एक फांस चुभी थी सबको ,जब बंटा मुल्क
इक हिन्दुस्तान ,इक पाकिस्तान
जाने कितनो ने दी “शहीदी”लुट गई जाने कितनी जान,
सबने चाहा मिटे “दरार” फैले “प्यार”
भेद भाव ना होने पाये ,दो कौमो के “दरमियान”
कोशिशें चलतीं रही”बदस्तूर”करते रहे “ख़ास”और “आम”
गीत संगीत,अभिनेता ,नेता, भी इक दूजे को
देते रहे “अदब ओ एहतराम”
बराबरी के दर्जे से रहना,बराबरी के हक़ पाये सबने
जाने फिर क्यों इस चिंगारी को दी जा रही है “सुलगान”
“समझदार” को क्या “समझाएं”छोडो नादानी “नादान”
पूरी दुनिया में कोई दूजा ना,ऐसा मुल्क ऐसा “मकाम”
जान से प्यारा है हम सबको,अपना प्यारा “हिन्दुस्तान”
चाचा इकबाल भी कह गए यारों “सारे जहां से अच्छा
हमारा हिन्दोस्तान”!!!
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