नायाब कलाम !
कभी कभी करती है अता कुदरत
फरमाती है अपना करम
जब पैदा होता है
नायाब तोहफे सा
ए पी जे अब्दुल कलाम
शान ओ शौकत से लबरेज़
होता है जिसका वजूद
हर दिल अज़ीज़ होता है जिसका नाम
मोहब्बत ओ ख़ुलूस से भरा होता है
उसका हर पैगाम
मुल्क की दौलत होता है वो
अदब- ओ – एहतराम से हम लेते हैं उसका नाम
मिसाल बना मिसाइल मेन
कि “अमन के फ़रिश्ते”सी
दुनिया में थी ,जिसकी “आन बान शान”
खूबियां थीं उसमे इतनी ,
लगता है कि वो अपने आप में था
एक “हीरों की खान”
हर आँख हुयी नम,हर दिल है ग़मज़दा ,
क्यों इतनी जल्दी,
बज़्म से उठ कर चल दिया
वो इंसान !!!!
कभी कभी करती है अता कुदरत
फरमाती है अपना करम
जब पैदा होता है
नायाब तोहफे सा
ए पी जे अब्दुल कलाम
शान ओ शौकत से लबरेज़
होता है जिसका वजूद
हर दिल अज़ीज़ होता है जिसका नाम
मोहब्बत ओ ख़ुलूस से भरा होता है
उसका हर पैगाम
मुल्क की दौलत होता है वो
अदब- ओ – एहतराम से हम लेते हैं उसका नाम
मिसाल बना मिसाइल मेन
कि “अमन के फ़रिश्ते”सी
दुनिया में थी ,जिसकी “आन बान शान”
खूबियां थीं उसमे इतनी ,
लगता है कि वो अपने आप में था
एक “हीरों की खान”
हर आँख हुयी नम,हर दिल है ग़मज़दा ,
क्यों इतनी जल्दी,
बज़्म से उठ कर चल दिया
वो इंसान !!!!
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