ये दिल्ली !
पसीज रही देखो दिल्ली
भाप छोड़ती ये दिल्ली
इंसानों के मोमोज बनाती
कयामतों की ये दिल्ली
सुल्तानों ,शहंशाहों ने कब्जाई थी ये दिल्ली
कितना खून बहा सडकों पर
फिर भी खड़ी रही दिल्ली
अंग्रेजों ने संवारा दिल्ली को
कोई बना सका ना कभी ना
भव्य इमारतों की दिल्ली
एक सा सोचा करती है
एक से निर्णय लेती दिल्ली
देश के सारे राज्यों की
“मॉनिटर” अपनी दिल्ली
बारह में से दस महीनो तक
गर्मी वाली ये दिल्ली
फर्श से अर्श भी पहुंचाती है
अर्श से फर्श ,पटकती दिल्ली
समझदार हैं दिल्ली वाले
दिलवालों की ये दिल्ली !
भाप छोड़ती ये दिल्ली
इंसानों के मोमोज बनाती
कयामतों की ये दिल्ली
सुल्तानों ,शहंशाहों ने कब्जाई थी ये दिल्ली
कितना खून बहा सडकों पर
फिर भी खड़ी रही दिल्ली
अंग्रेजों ने संवारा दिल्ली को
कोई बना सका ना कभी ना
भव्य इमारतों की दिल्ली
एक सा सोचा करती है
एक से निर्णय लेती दिल्ली
देश के सारे राज्यों की
“मॉनिटर” अपनी दिल्ली
बारह में से दस महीनो तक
गर्मी वाली ये दिल्ली
फर्श से अर्श भी पहुंचाती है
अर्श से फर्श ,पटकती दिल्ली
समझदार हैं दिल्ली वाले
दिलवालों की ये दिल्ली !
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