आप की बात ---
97 करोड़ की बत्ती बनाकर
लगा दी आपने आग
सिर्फ चेहरा चमकाने को अपना
पोस्टर और विज्ञापन छापते रहे थाक पर थाक
वो पैसा जो हमारा था ,हमारे लिए खर्च किया जाना था
उसको बेरहमी ,बेदर्दी से खर्च करते रहे आप
हम जूझते रहे गन्दगी बीमारी से करते रहे दो दो हाथ
सड़क सीवर रहे बदहाल, उसका खर्च जुटा न सके आप ?
आपके बहुतेरे विधायक ,अपनी अपनी तरह से
लगाते रहे चूना देश की संपत्ति को
क्या आँख मूंदे रहे आप ?
एक एक कर होते रहे
एक के बाद एक बेनक़ाब
कितने ढोल नगाड़े पीट कर
स्वच्छ निष्पक्ष भ्रष्टाचार मुक्त
छवि लेकर आये थे आप
सबने पलकों पे बिठाया ,आँखें मूँद कर आपको
मैंने आपकी प्रशंसा में कई कवितायें दीं थीं छाप
लेकिन इस बीते वक़्त में क्या करते रहे आप ?
याद आ रहा है मुझे प्रेम चोपड़ा जी का एक मशहूर डायलॉग
भैंस पूंछ उठाएगी तो गाना नहीं गायेगी --------------------
इससे बड़ा नहीं है कोई विश्वासघात !!
97 करोड़ की बत्ती बनाकर
लगा दी आपने आग
सिर्फ चेहरा चमकाने को अपना
पोस्टर और विज्ञापन छापते रहे थाक पर थाक
वो पैसा जो हमारा था ,हमारे लिए खर्च किया जाना था
उसको बेरहमी ,बेदर्दी से खर्च करते रहे आप
हम जूझते रहे गन्दगी बीमारी से करते रहे दो दो हाथ
सड़क सीवर रहे बदहाल, उसका खर्च जुटा न सके आप ?
आपके बहुतेरे विधायक ,अपनी अपनी तरह से
लगाते रहे चूना देश की संपत्ति को
क्या आँख मूंदे रहे आप ?
एक एक कर होते रहे
एक के बाद एक बेनक़ाब
कितने ढोल नगाड़े पीट कर
स्वच्छ निष्पक्ष भ्रष्टाचार मुक्त
छवि लेकर आये थे आप
सबने पलकों पे बिठाया ,आँखें मूँद कर आपको
मैंने आपकी प्रशंसा में कई कवितायें दीं थीं छाप
लेकिन इस बीते वक़्त में क्या करते रहे आप ?
याद आ रहा है मुझे प्रेम चोपड़ा जी का एक मशहूर डायलॉग
भैंस पूंछ उठाएगी तो गाना नहीं गायेगी --------------------
इससे बड़ा नहीं है कोई विश्वासघात !!
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