जीवन चक्र -----
नया जन्म और ख़ुशी की बहारें
ढोल और ताशे ,खील बताशे
बढ़ता बचपन धांगड़ धींगा
उछलकूद बेफिक्री के संग
मस्ती करते मस्त मलंगा
युवावस्था महत्वाकांक्षा
अंधी दौड़,ये पकड़ा और वो छोड़ा
ऊपर से गृहस्थी का झोलझमेला
बढ़ती उम्र ,बढ़ता परिवार
फिर से वही नई शुरुआत
वृद्ध और वृद्धा ,लंबा साथ
एक दूजे का थामे हाथ
इक दिन वो भी छूट जाए तो
जीवनऔपचारिकता का नाम
वस्तु,,व्यक्ति और संपत्ति से
निरंतर होता मोहभंग
दिखाई पड़ता एक ही रंग
तू नारायण ,मैं तेरा अंश !!
नया जन्म और ख़ुशी की बहारें
ढोल और ताशे ,खील बताशे
बढ़ता बचपन धांगड़ धींगा
उछलकूद बेफिक्री के संग
मस्ती करते मस्त मलंगा
युवावस्था महत्वाकांक्षा
अंधी दौड़,ये पकड़ा और वो छोड़ा
ऊपर से गृहस्थी का झोलझमेला
बढ़ती उम्र ,बढ़ता परिवार
फिर से वही नई शुरुआत
वृद्ध और वृद्धा ,लंबा साथ
एक दूजे का थामे हाथ
इक दिन वो भी छूट जाए तो
जीवनऔपचारिकता का नाम
वस्तु,,व्यक्ति और संपत्ति से
निरंतर होता मोहभंग
दिखाई पड़ता एक ही रंग
तू नारायण ,मैं तेरा अंश !!
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