जब निकलता है आफताब ,डूब जाती है सितारों की आब
सामना उससे करने की नहीं होती किसी में ताब
नहीं होता कोई जवाब ,जब सामने होता है कोई लाजवाब
बेच रहा है हर शख्स इस वक़्त सुनहरे ख्वाब ,
जिनका शायद लोगों ने नहीं किया था कभी इंतेखाब
नहीं कमाने आया है यहाँ कोई सवाब,
अधिकतर हैं वो जिनकी हो चुकी है मिटटी ख़राब
तो तमाशबीनो यही है मेरे कहने का लब्बोलुआब
सोच समझ कर करना अपने वोट का हिसाब !
सामना उससे करने की नहीं होती किसी में ताब
नहीं होता कोई जवाब ,जब सामने होता है कोई लाजवाब
बेच रहा है हर शख्स इस वक़्त सुनहरे ख्वाब ,
जिनका शायद लोगों ने नहीं किया था कभी इंतेखाब
नहीं कमाने आया है यहाँ कोई सवाब,
अधिकतर हैं वो जिनकी हो चुकी है मिटटी ख़राब
तो तमाशबीनो यही है मेरे कहने का लब्बोलुआब
सोच समझ कर करना अपने वोट का हिसाब !
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