मेरे बारे में---Nirupama Sinha { M,A.{Psychology}B.Ed.,Very fond of writing and sharing my thoughts

मेरी फ़ोटो
I love writing,and want people to read me ! I some times share good posts for readers.

मंगलवार, 9 मई 2017

Wadon Ke Himalay !! { TWO YEARS AGO }


वादों के तुमने खड़े कर दिए 
देखो कितने बड़े हिमालय 
भाव विभोर हो गए हम सभी
किया न अपनी बुद्धि का व्यय 
सुनते रहे तुम्हे सारे जान 
होकर मगन ,होकर तन्मय
सब और सुनायी देती थी
बस जय जय कार ,तुम्हारी ही जय
हर्षित हुआ देश में जन जन
जब सुना तुम्हारी हुई विजय
प्रतीक्षा हुई आरम्भ हमारी
परीक्षा का आरम्भ तुम्हारा समय
एक वर्ष हो गया पूर्ण अब
जनता को करना है निश्चय
सोचा था नौकरियां बढ़ेंगी
व्यस्त होगा रोजगार कार्यालय
व्यवस्थित होंगे सब विद्यालय
भ्रष्टाचार मुक्त सब कार्यालय
हर्षित होगा कृषक वर्ग
 उदार बनेगा कृषि मंत्रालय
किन्तु व्यक्त हुआ है केवल
भूमि अधिग्रहण का आशय
जीवन से मुक्त होते कृषक
संख्या का होता उनका क्षय
मरीज होंगे समस्या मुक्त
जब कार्य करेंगे रुग्णालय
विकसित देशों की परिकल्पना से
कभी न बन पाएंगे शौचालय !!!!!!!

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

Dharavaahik crime thriller (141)

When they reached  back to Brahmin Dharmshala Pundit Ji Shandilya was waiting for them . Everyone respectfully wished him. Nirmal went in th...

Grandma Stories Detective Dora},Dharm & Darshan,Today's Tip !!