मेरे बारे में---Nirupama Sinha { M,A.{Psychology}B.Ed.,Very fond of writing and sharing my thoughts

मेरी फ़ोटो
I love writing,and want people to read me ! I some times share good posts for readers.

मंगलवार, 25 जुलाई 2017

Gopaldas Neeraj Ki Kalam Se !!




छिप-छिप अश्रु बहाने वालों!
मोती व्यर्थ लुटाने वालों!
कुछ सपनों के  मर जाने से
जीवन नहीं मरा करता है।

सपना क्या है? नयन सेज पर,
सोया हुआ आँख का पानी,
और टूटना है उसका ज्यों,
जागे कच्ची नींद जवानी,
गीली उमर बनाने वालों!
डूबे बिना नहाने वालों!
कुछ पानी के बह जाने से
सावन नहीं मरा करता है।

माला बिखर गई तो क्या है,
खुद ही हल हो गई समस्या,
आँसू गर नीलाम हुए तो,
समझो पूरी हुई तपस्या,
रूठे दिवस मनाने वालों!
फटी क़मीज़ सिलाने वालों!
कुछ दीपों के बुझ जाने से
आँगन नहीं मरा करता है।

खोता कुछ भी नहीं यहाँ पर,
केवल जिल्द बदलती पोथी।
जैसे रात उतार चाँदनी,
पहने सुबह धूप की धोती,
वस्त्र बदलकर आने वालों!
चाल बदलकर जाने वालों!
चंद खिलौनों के खोने से
बचपन नहीं मरा करता है।

लाखों बार गगरियाँ फूटीं,
शिकन आई पनघट पर,
लाखों बार कश्तियाँ डूबीं,
चहल-पहल वो ही है तट पर,
तम की उमर बढ़ाने वालों!
लौ की आयु घटाने वालों!
लाख करे पतझर कोशिश
पर उपवन नहीं मरा करता है।

लूट लिया माली ने उपवन,
लुटी लेकिन गंध फूल की,
तूफ़ानों तक ने छेड़ा पर,
खिड़की बन्द हुई धूल की,
नफ़रत गले लगाने वालों!
सब पर धूल उड़ाने वालों!
कुछ मुखड़ों की नाराज़ी से
दर्पन नहीं मरा करता है।।

कुछ स्वप्नों के मर जाने से
जीवन नहीं मरा करता है..


कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

Dharavahik crime thriller ( 149) Apradh !!

Mahesh Asthana was also disappointed but all of them couldn’t find any way to come out of it. They were again and again thinking that they h...

Grandma Stories Detective Dora},Dharm & Darshan,Today's Tip !!