मेरे बारे में---Nirupama Sinha { M,A.{Psychology}B.Ed.,Very fond of writing and sharing my thoughts

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सोमवार, 31 जुलाई 2017

Sher-O-Shayari !!{11}

फ़रेबी भी हूँ --ज़िद्दी भी हूँ --और पत्थर  दिल भी हूँ,
मासूमियत खो दी है मैंने वफ़ा करते करते !!

सुकून-ए -दिल के लिए कभी हाल तो पूछ ही लिया करो 
मालूम तो हमें भी है कि हम आपके कुछ नहीं लगते !!

जो लम्हा साथ है उसे जीभर के जी लेना ,
कम्बख्त ये ज़िन्दगी भरोसे के काबिल नहीं है !!

बदलते लोग,बदलते रिश्ते और बदलते मौसम ,
चाहे दिखाई ना दे मगर महसूस ज़रूर होते हैं !!

नफरतों को जलाओ ,मोहब्बत की रौशनी होगी ,
इंसान तो जब भी जले हैं राख ही हुए हैं !!

वो भी क्या ज़िद्द थी जो तेरे मेरे बीच हद थी,
मुलाकात मुकम्मल न सही मोहब्बत बे-हद थी !!

मेरी पलकों का अब नींद से कोई ताल्लुक नहीं रहा ,
मेरा कौन है ये सोचने में रात गुज़र जाती है !!

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