ठोकर -- ठोकर लगे और दर्द हो तभी मैं सीख पाता हूँ --गाँधी
दूसरों के अनुभव से मनुष्य को होशियारी सीखने की इच्छा नहीं होती उसको स्वतंत्र ठोकर चाहिए --विनोबा
ठोकरें केवल धुल उड़ाती हैं धरती में फसलें नहीं उगाती --टैगोर
तर्क --जो तर्क को सुने नहीं वो कट्टर है जो तर्क न कर सके वो मूर्ख है और जो तर्क करने का साहस ना कर सके वो गुलाम है --ड्रमंड
तर्क केवल बुद्धि का विषय है हृदय की सिद्धि तक बुद्धि नहीं पहुँच सकती जिसे बुद्धि माने और हृदय ना माने वह तजने योग्य है --गाँधी
तर्क करते समय शांत रहिये क्योंकि भयानकता गलती को अपराध बना देती है और बदतहज़ीबी --हर्बर्ट
अगर तुम्हे निरर्थक तर्क वितर्क में मज़ा आता है तो हो सकता है की तुम मिथ्यावादियों के साथ भिड़ने के लायक हो लेकिन इसका तुम्हे एहसास भी न हो की मनुष्य से प्रेम किस तरह किया जाता है --सुकरात
त्याग--प्राणी कर्म का त्याग नहीं कर सकता कर्मफल का त्याग ही त्याग ---कृष्ण
पतझड़ हुए बिना पेड़ों में फल नहीं लग सकते ---रज्जबजी
पर स्त्री,पर धन,पर निंदा परिहास,और बड़ों के सामने चंचलता त्याज्य है --संस्कृत सूक्ति
त्याग से पाप का मूलधन चुकता है और दान से पाप का ब्याज --विनोबा
त्याग यह नहीं है की मोठे और खुरदुरे वस्त्र पहन लिए जाएँ और रूखी रोटी खाई जाय अपनी इच्छा अभिलाषा और तृष्णा को जीतना त्याग है --सुफियान सॉरी
दंड--दंड अन्यायी के लिए न्याय है --आगस्ताइन
अपराधी को दंड से नहीं रोका जा सकता है --रस्किन
अपरादि के दंड में उपयोगिता होनी चाहिए जब एक को फांसी दी गई हो तो दंड का कोई लाभ नहीं --वाल्तेयर
दया --दया और सत्यता परस्पर मिलते हैं धर्म और शांति एक दूसरे का साथ देते हैं --बाइबल
दया धर्म का मूल है पाप मूल अभिमान
तुलसी दया न छोड़िये जब लग घाट में प्राण --तुलसी
हम सभी ईश्वर से दया की प्रार्थना करते हैं और यही प्रार्थना हमें दूसरों पर दया करना भी सिखाती है --शेक्सपियर
जिसमे दया नहीं उसमे कोई सद्गुण नहीं है --
जो निर्बलों पर दया नहीं करता उसे बलवानो के अत्याचार सहने पड़ेंगे --शेख सादी
दया चरित्र को सुन्दर बनाती है बढ़ती हुई आयु के साथ वह चेहरे को भी सुन्दर बनाती है --जेम्स एलान
आत्मा के आनंद रूपी सामंजस्य का बाहरी रूप दया है --विलियम हैज़लिट
पापी हो या पुण्यात्मा सद्पुरुष को सब पर दया करनी चाहिए क्योंकि ऐसा कोई नहीं है जिसने सर्वथा पाप न किया हो --रामायण
कितने देव कितने पंथ कितने धर्म चल पड़े हैं पर इस शोक ग्रस्त संसार को दयावनो की आवश्यकता है --विलकॉक्स
सभी सद्गुणों की पंक्ति में दया अग्रिम पंक्ति है --गाँधी
दूसरों के अनुभव से मनुष्य को होशियारी सीखने की इच्छा नहीं होती उसको स्वतंत्र ठोकर चाहिए --विनोबा
ठोकरें केवल धुल उड़ाती हैं धरती में फसलें नहीं उगाती --टैगोर
तर्क --जो तर्क को सुने नहीं वो कट्टर है जो तर्क न कर सके वो मूर्ख है और जो तर्क करने का साहस ना कर सके वो गुलाम है --ड्रमंड
तर्क केवल बुद्धि का विषय है हृदय की सिद्धि तक बुद्धि नहीं पहुँच सकती जिसे बुद्धि माने और हृदय ना माने वह तजने योग्य है --गाँधी
तर्क करते समय शांत रहिये क्योंकि भयानकता गलती को अपराध बना देती है और बदतहज़ीबी --हर्बर्ट
अगर तुम्हे निरर्थक तर्क वितर्क में मज़ा आता है तो हो सकता है की तुम मिथ्यावादियों के साथ भिड़ने के लायक हो लेकिन इसका तुम्हे एहसास भी न हो की मनुष्य से प्रेम किस तरह किया जाता है --सुकरात
त्याग--प्राणी कर्म का त्याग नहीं कर सकता कर्मफल का त्याग ही त्याग ---कृष्ण
पतझड़ हुए बिना पेड़ों में फल नहीं लग सकते ---रज्जबजी
पर स्त्री,पर धन,पर निंदा परिहास,और बड़ों के सामने चंचलता त्याज्य है --संस्कृत सूक्ति
त्याग से पाप का मूलधन चुकता है और दान से पाप का ब्याज --विनोबा
त्याग यह नहीं है की मोठे और खुरदुरे वस्त्र पहन लिए जाएँ और रूखी रोटी खाई जाय अपनी इच्छा अभिलाषा और तृष्णा को जीतना त्याग है --सुफियान सॉरी
दंड--दंड अन्यायी के लिए न्याय है --आगस्ताइन
अपराधी को दंड से नहीं रोका जा सकता है --रस्किन
अपरादि के दंड में उपयोगिता होनी चाहिए जब एक को फांसी दी गई हो तो दंड का कोई लाभ नहीं --वाल्तेयर
दया --दया और सत्यता परस्पर मिलते हैं धर्म और शांति एक दूसरे का साथ देते हैं --बाइबल
दया धर्म का मूल है पाप मूल अभिमान
तुलसी दया न छोड़िये जब लग घाट में प्राण --तुलसी
हम सभी ईश्वर से दया की प्रार्थना करते हैं और यही प्रार्थना हमें दूसरों पर दया करना भी सिखाती है --शेक्सपियर
जिसमे दया नहीं उसमे कोई सद्गुण नहीं है --
जो निर्बलों पर दया नहीं करता उसे बलवानो के अत्याचार सहने पड़ेंगे --शेख सादी
दया चरित्र को सुन्दर बनाती है बढ़ती हुई आयु के साथ वह चेहरे को भी सुन्दर बनाती है --जेम्स एलान
आत्मा के आनंद रूपी सामंजस्य का बाहरी रूप दया है --विलियम हैज़लिट
पापी हो या पुण्यात्मा सद्पुरुष को सब पर दया करनी चाहिए क्योंकि ऐसा कोई नहीं है जिसने सर्वथा पाप न किया हो --रामायण
कितने देव कितने पंथ कितने धर्म चल पड़े हैं पर इस शोक ग्रस्त संसार को दयावनो की आवश्यकता है --विलकॉक्स
सभी सद्गुणों की पंक्ति में दया अग्रिम पंक्ति है --गाँधी
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