नारी --पुरुष का नारी के सामान कोई बंधु  नहीं --महाभारत 
यह लौकिक पुरुष के अत्याचार का बहुत निर्बल बहाना है कि नारी का सद्गुण सच्चरित्रता और आज्ञाकारिता है --राधाकृष्णन
पुरुष में अधिकाँश स्वर्ग और पृथ्वी का परन्तु उत्तम और निकृष्ट नारी में स्वर्ग और नर्क का अंतर होता है --टेनिसन
नारी की उन्नति या अवनति पर ही राष्ट्र की उन्नति या अवनति निर्धारित है --अरस्तु
नारी एक ईश्वरीय उपहार है जिसे स्वर्ग के खो जाने पर ईश्वर ने मनुष्य को उसकी क्षति पूर्ति के लिए दिया है --गेटे
बदला लेने और प्रेम करने में नारी पुरुष से अधिक निर्दयी होती है --नीत्शे
तारे आकाश की कविता है,स्त्रियां पृथ्वी की ---हारग्रेव
सौंदर्य से नारी अभिमानी बनती है उत्तम गुणों से उसकी प्रशंसा होती है लज्जाशील होकर वह देवी बन जाती है --शेक्सपियर
नारी को अबला कहना उसका अपमान करना है --गाँधी
नारी जगत की एक पवित्र ज्योति है त्याग उसका स्वभाव ,प्रदान करना धर्म,सहनशीलता व्रत और प्रेम उनका जीवन है --चतुरसेन शास्त्री
नारी सबकुछ कर सकती है लेकिन अपनी इच्छा के विरुद्ध प्रेम नहीं कर सकती --सुदर्शन
नारी को पराजित करना है उसकी प्रशंसा करो --वृंदावनलाल वर्मा
नारी सबकुछ सह सकती है किन्तु यौवन की उमंगों का कुचला जाना नहीं सह सकती --प्रेमचंद
सुन्दर नारी या तो मूर्ख होती है या अभिमानी --स्पेनी कहावत
यह लौकिक पुरुष के अत्याचार का बहुत निर्बल बहाना है कि नारी का सद्गुण सच्चरित्रता और आज्ञाकारिता है --राधाकृष्णन
पुरुष में अधिकाँश स्वर्ग और पृथ्वी का परन्तु उत्तम और निकृष्ट नारी में स्वर्ग और नर्क का अंतर होता है --टेनिसन
नारी की उन्नति या अवनति पर ही राष्ट्र की उन्नति या अवनति निर्धारित है --अरस्तु
नारी एक ईश्वरीय उपहार है जिसे स्वर्ग के खो जाने पर ईश्वर ने मनुष्य को उसकी क्षति पूर्ति के लिए दिया है --गेटे
बदला लेने और प्रेम करने में नारी पुरुष से अधिक निर्दयी होती है --नीत्शे
तारे आकाश की कविता है,स्त्रियां पृथ्वी की ---हारग्रेव
सौंदर्य से नारी अभिमानी बनती है उत्तम गुणों से उसकी प्रशंसा होती है लज्जाशील होकर वह देवी बन जाती है --शेक्सपियर
नारी को अबला कहना उसका अपमान करना है --गाँधी
नारी जगत की एक पवित्र ज्योति है त्याग उसका स्वभाव ,प्रदान करना धर्म,सहनशीलता व्रत और प्रेम उनका जीवन है --चतुरसेन शास्त्री
नारी सबकुछ कर सकती है लेकिन अपनी इच्छा के विरुद्ध प्रेम नहीं कर सकती --सुदर्शन
नारी को पराजित करना है उसकी प्रशंसा करो --वृंदावनलाल वर्मा
नारी सबकुछ सह सकती है किन्तु यौवन की उमंगों का कुचला जाना नहीं सह सकती --प्रेमचंद
सुन्दर नारी या तो मूर्ख होती है या अभिमानी --स्पेनी कहावत
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