होल्कर और इंदौर !!
इक सिक्के के दो पहलू जैसे
वैसे होल्कर और इंदौर ये दो नाम
सोलहवीं सदी से,बीसवीं सदी तक
मल्हार राव होल्कर से
उषा देवी होल्कर तक
होल्कर रहे इंदौर की पहचान ,
जितने भी शासक थे उनकी थी
एक से बढ़कर एक की आन !!
दादी परदादी के मुंह से
नानी परनानी की जुबां से
जाने कितने किस्से सुनते
बच्चों से ,कितने हुए जवान !!
अहिल्या बाई होल्कर का नाम
नहीं किसी को है अनजान
अमीर गरीब छोटे बड़े सभी
जाने उनका सादा जीवन
उच्च विचार ,कितने महान !!
इंदौर के कोने कोने में
बिखरे इतिहास के ऐसे निशान,
शहर के बीचों बीच खड़े इस
राजवाड़े की निराली शान !!
कलम नहीं रूकती है मेरी
इसकी शान का करते बखान
कर रही हूँ इसका महिमा मंडन,
देश में ऊँचा इसका नाम
हर इंदौरी की जान बसी है
चाहे घूम ले सारा जहान
प्यार करें सब शहर से अपने
करते सब इसका सम्मान !!
इक सिक्के के दो पहलू जैसे
वैसे होल्कर और इंदौर ये दो नाम
सोलहवीं सदी से,बीसवीं सदी तक
मल्हार राव होल्कर से
उषा देवी होल्कर तक
होल्कर रहे इंदौर की पहचान ,
जितने भी शासक थे उनकी थी
एक से बढ़कर एक की आन !!
दादी परदादी के मुंह से
नानी परनानी की जुबां से
जाने कितने किस्से सुनते
बच्चों से ,कितने हुए जवान !!
अहिल्या बाई होल्कर का नाम
नहीं किसी को है अनजान
अमीर गरीब छोटे बड़े सभी
जाने उनका सादा जीवन
उच्च विचार ,कितने महान !!
इंदौर के कोने कोने में
बिखरे इतिहास के ऐसे निशान,
शहर के बीचों बीच खड़े इस
राजवाड़े की निराली शान !!
कलम नहीं रूकती है मेरी
इसकी शान का करते बखान
कर रही हूँ इसका महिमा मंडन,
देश में ऊँचा इसका नाम
हर इंदौरी की जान बसी है
चाहे घूम ले सारा जहान
प्यार करें सब शहर से अपने
करते सब इसका सम्मान !!
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें