मेरे बारे में---Nirupama Sinha { M,A.{Psychology}B.Ed.,Very fond of writing and sharing my thoughts

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बुधवार, 11 जुलाई 2018

Zindagi !

थोड़ी तकलीफ़, थोड़ा गम, थोड़ी परेशानियाँ है
बाकी सब ठीक है

चंद मुश्किलें, थोड़ी उलझन, थोड़ी बेचैनियाँ है
बाकी सब ठीक है

कभी रुक सी जाती है धड़कन, ये साँसें अटक जाती हैं
कुछ उम्र की थकावट, कुछ बीमारियाँ है
बाकी सब ठीक है

जी रहे हैं हम, या यूँ की, रस्म अदायगी समझो
कुछ अड़चने, थोड़ी कठिनाइयाँ हैं
बाकी सब ठीक है

कहने को यूँ तो, बहुत कुछ है लेकिन
कुछ बेबसी, कुछ मजबूरियाँ हैं
बाकी सब ठीक है

हों अपने, या कि गैर, सब एक से हैं
यहाँ धोखे, वहाँ रुसवाईयाँ हैं
बाकी सब ठीक है

कभी लड़ पड़ते हैं मुझसे, कभी एक ओर बिठा देते हैं
मेरे बच्चों में  थोड़ा बचपना है, थोड़ी नादानियाँ हैं
बाकी सब ठीक है

समय की चोट से, दो हिस्सों में बँट गया है मन
एक तरफ शोर बहुत, एक तरफ खामोशियां है
बाकी सब ठीक है

मुद्दतों बाद मिला, तो हँस के आईना बोला
शिकन है, दर्द है, चेहरे पे चंद झाइयां हैं
बाकी सब ठीक है

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