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शुक्रवार, 14 फ़रवरी 2020

Dharavahik Upanyas --Anhoni---{18 }

अगला दिन रविवार था।  अंजुरी रोज की तरह ही जल्दी उठ गई। उसने अपनी मम्मी को बता दिया था कि अब से वह प्रति रविवार महाविद्यालय जाया करेगी ,दस से चार बजे तक रिहर्सल के बाद ही घर लौट कर आएगी। मम्मी ने लंच बॉक्स तैयार कर दिया था। आज रविवार था। पापा कार्यालय के काम के सिलसिले में शहर गए थे। अंजुरी सीधे महाविद्यालय पहुँच गई। अभी दस नहीं बजे थे और कोई भी नहीं आया था। वह अहाते में रखी बेंच पर बैठ गई। तभी उसे  वर्गीस मैडम और उनके पीछे पीछे हारमोनियम और तबला वादक भी आते हुए दिखाई दिए। उन सभी लोगों के असेंबली हॉल तक पहुँचते पहुँचते सभी प्रतिभागी भी पहुँच चुके थे। कमलेश्वर ने देखा  अंजुरी की आँखों में उसे रोष दिखाई दिया। उसने अपनी आँखों से ही SORRY भी बोल दिया। दो बजे तक हार्ड रिहर्सल समय सारिणी के अनुसार पूरी हुई। अब सभी को भूख लग आयी थी। सिन्धु वर्गीस मैडम कुछ बोलने ही जा रही थीं कि चपरासी ने आकर कहा कि ऑफिस में फोन आया है। मैडम फोन सुनने चली गईं। वह फोन उनके ही पड़ौस से आया था। उनकी माँ की तबियत खराब हो गई थी। अब उन्हें घर जाना अनिवार्य हो गया था।  उन्होंने लौट कर कह दिया कि अब छुट्टी ,डायलॉग्स घर में प्रैक्टिस करें ताकि बिना स्क्रिप्ट हाथ  में लिए कल पीरियड्स के बाद रिहर्सल की जा सके। किसी ने लंच नहीं किया और घर की ओर भाग छूटे। अंजुरी और कमलेश्वर धीमे धीमे ही अपना सामान समेत रहे थे। अंजुरी ने फुसफुसा कर टेकरी पर आने को कहा। पहले कमलेश्वर ही निकल गया। साइकिल लॉक कर के झाड़ियों में प्रतीक्षा करने लगा। जल्दी ही अंजुरी भी पहुँच गई। वो खुश थी उसे अवसर जो मिल गया था अपने प्रिय से मिलने की।  वह बार बार अपनी ख़ुशी ज़ाहिर कर चुकी थी। मंदिर आज भी सन्नाटे में डूबा हुआ था। दर्शन कर के वे थोड़ा नीचे झाड़ियों में आ बैठे। कमलेश्वर को खोया हुआ पाकर उसने पूछा ,क्या बात है ? क्या सोच रहे हो ? "यही कि इसका अंजाम क्या होगा ,तुम नहीं जानती मेरे पिता बहुत सख्त हैं और इस क़स्बे में तो शादी में पांच पीढ़ी तक के गोत्र भी मिलान किये जाते हैं। ""कुछ मत सोचो। सब कुछ ठीक होगा। अंजुरी ने उसे आश्वस्त किया। आज बहुत ज़िंदादिल लड़की थी। उसने जल्दी से कमल का और अपना लंच बॉक्स खोला और अपने हाथ से कमल को खिलाने लगी। कमल को उसका यह अपनापन बहुत अच्छा लगा। फिर वे नाटक के बारे में बातें करने लगे। अंजुरी उसे डायलॉग्स किस तरह उतार चढ़ाव के साथ बोलने हैं समझाने लगी। कमल ने देखा चार बज चुके हैं। उन्हें अब निकलना होगा। अंजुरी ने भी सहमति प्रगट की और वे पिछली बार की तरह नीचे उतर कर झाड़ियों के बीच से अलग होने को ही थे कि अंजुरी अचानक ही उसके बहुत समीप आकर आलिंगनबद्ध हो गई। कमलेश्वर भौंचक्का रह गया। तत्काल ही वह अलग हो कर पलटी और हाथ हिला कर मुस्कुराती हुई तेजी से निकल गई। कमल ने साइकिल पलटी और अपने घर की ओर बढ़ने लगा। उसे लग रहा था कि वो कोई स्वप्न देख रहा हो। ---क्रमशः 

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