आलाकमान !!
तीन दिनों से टीवी में एक ही शब्द गूंज रहा था आलाकमान ,
क्या होता है आलाकमान ?
वो ही जिस पर है कई सवालिया निशान ,
अर्से से बेरोज़गार हैं बेकाम ,
इधर ढकते हैं तो उधर खुल जाती है बची ख़ुची शान ,
बरसों तक बनाया था खूब नाम,
अब्बा जान ,अम्मी जान ,भाईजान आपा जान
लेकिन खुलना ही था नक़ाब एक दिन
खुल गया सरे आम ,
कोई बत्ती लगा रहा है इधर
कोई जाकर पकिस्तान
एक बरस हो गया ,बैठ के खा रहा है
तीन बॉर्डर घेरा हुआ ,बदबख्त बदनाम ,
जाने कहाँ कहाँ से जुट रहा है बादाम का दूध
और बिरयानी का दस्तरख्वान
इसे ही कहते हैं ,अल्ला मेहरबान तो गधा पहलवान !!
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