छठ पर्व !!
पवित्र छठ को मनाया था कभी गाँव में ,
गंगा के किनारे ,
स्वच्छ निर्मल पारदर्शी जल की धार में ,
आज देखा समस्त बंधू भगिनी को ,
यह पर्व मनाते दिल्ली की यमुना में ,
रो पड़ा हृदय ,छलक उठी आँखें देख यमुना का दुर्भाग्य
जिसे राजनीति के शातिरों ने नाला बना दिया
पहले पंद्रह वर्षों के कांग्रेसी राज में
यमुना सफाई के नाम पर हजम हो गए हज़ारों करोड़ ,
फिर उन्हें "टारगेट "बना कर ,उनकी आलोचना करते ,
आये "आप "साथ लाये "अण्णा हज़ारे "को ,
क्यूंकि आपको तो कोई न डालता घास ,
आप क्या थे ? कुछ नहीं ,आपने बस बनाया था ,
शातिराना प्लान बड़ा ख़ास ,
जब अण्णा आंदोलन ने देशवासियों को किया साथ ,
आपने अण्णा को मारी "लात "
और ख़ास बनकर ,मुखौटे में बने "आम "
आप ने लोगों को मुफ्तखोर बनाया ,
बिजली पानी फ्री का चस्का लगाया
और सात बरस से बस टीवी ,होर्डिंग्स पर अपना थोबड़ा चमकाया
सारा रुपया किया साफ़ इसीमे ,यमुना क्या करते साफ़ ,
जहरीले सफ़ेद झाग वाली यमुना में छठ की डुबकी लगाते
भक्तों की ऐसी लगेगी ऐसी हाय ,
आप हो जायेंगे साफ़ !!
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें