_*सफलता चाहिए तो संभावनाओं की तलाश करें*_
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एक राजा था बेहद दयालु। प्रजा का ध्यान रखने वाला और बहादुर। एक युद्ध में उसकी एक पैर में गहरी चोट लग गई और पैर के नीचे का हिस्सा काटना पड़ गया। एक-दूसरे युद्ध में उसकी एक आंख चली गई और वह काणा हो गया। इससे राजा का सूरत विकृत दिखने लगा।
एक दिन राजा ने सोचा कि मेरे पूर्वजों की खूबसूरत तस्वीरें महल में चारों तरफ लगी हुई है। मेरी भी लगनी चाहिए, नहीं तो मेरे जाने के बाद मुझे कौन याद रखेगा।
राजा ने घोषणा करवाई कि जो भी मेरा अच्छा चित्र बनाएगा, उसे बड़ा पुरस्कार दिया जाएगा।
चित्रकारों ने सोचा कि राजा तो बदसूरत है, और एक पैर छोटा है और एक आंख से भी काणा है।
इतने खराब दिखने के बावजूद उनकी अच्छी तस्वीर कैसे बन सकेगी? और यदि अच्छी तस्वीर नहीं बनी हो राजा नाराज हो जाएगा, तो दंड दे सकता है।
लेकिन एक चित्रकार ने चुनौती स्वीकार किया और वह अलग तरह से सोचना शुरू किया। उस चित्रकार ने *पॉसिबिलिटी थिंकिंग* सोचना शुरू किया। उसने राजा की अच्छाइयों के बारे में सोचा तो उसे लगा कि राजा बहुत नेक दयालु और उदार है। उसने संभावना भरी बातें सोची।
तस्वीर के अनावरण का दिन आ गया। सबको लगा कि आज इस चित्रकार को जरूर सजा मिलेगी, क्योंकि राजा की सुंदर तस्वीर बनाई ही नहीं जा सकती, लेकिन जैसे ही चित्र का अनावरण हुआ लोगों ने दांतो तले उंगली दबा ली। तस्वीर देख राजा बहुत खुश हुआ और तालियां बजाने लगा, क्योंकि उसने नहीं सोचा था कि कोई उसका इतना सुन्दर तस्वीर बना सकता है।
चित्रकार ने राजा की ऐसी तस्वीर बनाई थी, जिसमें राजा घोड़े पर बैठा है और तीर को कमान पर साध कर रखा है। राजा की एक आंख बंद है चूंकि तीर चलाते समय एक आंख बंद रखी जाती है। इसी तरीके से राजा का एक पैर ही नजर आ रहा था, क्योंकि तस्वीर में राजा घोड़े पर बैठा है, और साइड पोज दिख रहा है, जिसके कारण राजा का एक ही पैर दिखाई दे रहा है।
राजा ने उस चित्रकार को खूब पुरस्कार दिया। मंत्री का दर्जा भी दिया चूंकि उस चित्रकार ने
कमियों की जगह खूबियां ढूंढने के लिए मेहनत की थी।
*आप भी अगर इस तरह से सोचेगें तो, आपको अपनी जिंदगी में चारों तरफ अच्छाई ही नजर आएंगी। पॉसिबिलिटी थिंकिंग* कहती है, कि जो प्रयास नहीं करेगा, वह कभी कुछ नहीं कर पाएगा।
*सिर्फ अच्छा सोचने से कुछ नहीं होता। पॉसिबिलिटी थिंकिंग कहती है। हर जगह कोई न कोई संभावना पैदा की जा सकती है। यदि समस्या को ही हमेशा देखते रहेंगे तो समस्या ही दिखेगी और अवसर को देखेंगे तो अवसर।*
*सब कुछ इस बात पर निर्भर करता है कि आप क्या देखना चाहते हैं। पॉसिबिलिटी थिंकिंग में विश्वास करने वाले लोग किसी भी मीटिंग में 90 फ़ीसदी वक्त समाधान सोचने में लगाते हैं। वे समस्या को महत्व नहीं देते, क्योंकि उन्हें पता है कि हर ताले की कोई न कोई चाबी जरूर होती है। तो हर दिन जीवन और व्यापार में संभावनाएं ढूंढिए।*
*चाहे खतरा हो, चाहे इगो का संकट हो, चाहे कोई मना कर रहा हो या अपमान कर रहा हो, लेकिन उसके बाद भी डटे रहने का नाम है- पावर थिंकिंग।*
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