आज नेटफ्लिक्स पर TV पर एक हिंदी पिक्चर देखी *तू झूटी में मक्कार* शुरुआत में तो ऐसा लगा की यह पिक्चर भी आजकल की अन्य पिक्चरों के अनुसार भद्दी और बेसिरपैर की होगी लेकिन कुछ समय पश्चात फ़िल्म में बहुत अच्छे मुद्दे उठाए गए , जो वर्तमान भारत में अथवा पूरे विश्व में वर्तमान में सुसंगत है , विशेषकर भारत में जहाँ पर अब पारिवारिक संस्थाओं का व संयुक्त परिवार का पूर्णतः विघटन हो रहा है , यहाँ तक कि विवाह भी नहीं किए जा रहे व लिव इन रिलेशन में रहने का चलन हो गया जिसे माननीय सुप्रीम कोर्ट ने वैधानिक घोषित कर एसे रिश्तों को और बल दे दिया , जबकि संयुक्त परिवार की हमारी भारती जड़ें व परम्पराएँ , विदेशों में रहने वाले लोगों से कहीं अधिक सशक्त रही है , आज कल की युवा पीढ़ी के लिए यह पिक्चर बहुत प्रेरणादायी हो सकती है , जिसमे परिवार के महत्व को दर्शाया गया है , और अंत में परिवार के महत्व को स्थापित भी किया गया है , पिक्चर के डायलॉग भी बहुत अच्छे है जिसमें बेटे की माँ कहती है कि हम तेरी हर प्रॉब्लम का सॉल्यूशन है , प्रॉब्लम नहीं है , कल ही इंदौर में परिवार के महत्व पर इन्दौर मैनेजमेंट एसोसिएशन द्वारा एक सेमिनार का आयोजन किया गया था , जिसके बारे में आज अख़बार में भी परिवार के महत्व के संबंध में एक आर्टिकल छपा है । वाक़ई हमें परिवार की महत्ता के बारे में समझना चाहिए , तथा परिवार के प्रत्येक सदस्य का आदर करना चाहिए क्योंकि हम सब एक दूसरे से बरसों से जुड़े रहते हैं , खून से जुड़ें रहते हैं तो हम सब एक परिवार के रूप में एक दूसरे की मदद कर सकते हैं , एक दूसरे के जीवन में खुशियां ला सकते हैं , और एक दूसरे की विपत्ति के समय सहायता कर सकते हैं।
मेरे बारे में---Nirupama Sinha { M,A.{Psychology}B.Ed.,Very fond of writing and sharing my thoughts
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