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शनिवार, 22 जुलाई 2023

Bharat Perlekar ki kalam se —-

 भरत पेरलेकर की कलम से —-भूत शब्द सुनते पढ़ते या फ़िल्मों में देखते हुए हम सभी में सिहरन सी दौड़ जाती है । पूरे विश्व में , आदिम युग से लेकर आज तक भूत के बारे में कोई भी पूर्ण विश्वास के साथ आज तक कोई दावा नहीं  कर पाया और न ही उसका साक्षात्कार करवा पाया अतः केवल वे ही लोग जो इसका अनुभव करते हैं इसके साक्षी हैं । जन्म पत्रिका में मनुष्य गण एवं देव गण वाले लोग भूत देख पाते हैं और राक्षस गण वाले लोग नहीं  देख पाते हैं ऐसा कहा जाता है ।यह तो हम सभी जानते एवं मानते हैं कि मृत्यु के उपरांत मनुष्य का उसके जीवित रिश्तेदारों से नाता समाप्त हो जाता है तथा यह भी मानते हैं कि मनुष्य का जन्म उसके पूर्व जन्म के कर्मों के अनुसार उसके ऋण चुकाने अथवा वसूल करने के लिए उसी स्थान विशेष परिवार विशेष में होता है जहाँ उसका लेन देन बाक़ी है । यह एक अविश्वसनीय सत्य है कि कोई भी व्यक्ति कभी भी जान नहीं पाता कि मृत्यु के उपरांत वह कहाँ जाता है अथवा जन्म लेने से पूर्व अथवा जन्म के समय की स्मृतियाँ कभी उसके मानस पटल पर नहीं होतीं । मृत्यु से पूर्व कितने ही कष्टों का सामना करने वाला मानव मृत्यु के समय असीम सुख एवं समाधान का अनुभव करता है ऐसा माना जाता है ।भूत शब्द का शाब्दिक अर्थ है अतीत , और प्रेत अर्थात् मृत शरीर। हिंदू धर्म सर्वाधिक पुरातन होने के बाद भी सम्पन्न है सटीक है । वेद उपनिषद ,मनु स्मृति तथा अन्य स्मृतियाँ विभिन्न पुराण ज्ञान के भंडार हैं गरुड़ पुराण में भी इसी प्रकार के विषयों का वर्णन है ।इंदौर शहर भूत प्रेत बाधा के लिये भी मशहूर है , शुरू से ही अन्य शहरों के मुक़ाबले यहाँ पैरानॉर्मल एक्टिविटी के पर्याप्त साक्ष्य मिल जाते है , कुछ समय पूर्व सराफ़ा बाज़ार में जो खाने पीने की दुकाने देर रात तक खुली रहती है , वहाँ कई बार पुरानी पोशाक पहने भूतिया लोगों को देखा गया , कई बार तो पुरानी मुद्रा भी प्राप्त हुई । शहर के व्यस्ततम क्षेत्र एम जी रोड़ पर कई फ्लैटो से बनी एक बहुत बड़ी बिल्डिंग है जो आज भी पूर्णतः रिक्त है , उस बिल्डिंग का एक भी फ्लैट बिकता नहीं है , जब की उस क्षेत्र में एक एक फ्लैट करोड़ों रुपए का है , इसे Abandon house माना जाता है । Empty house के रूप में भी कई videos viral हैं । इसी प्रकार महाराजा यशवन्तराव चिकित्सालय में भी कई प्रकार की आवाज़ें आतीं हैं और इसके भूतिया होने के विडीओ भी प्रचलित हैं । फूटी कोठी , गमले वाली पुलिया , नवलख़ा के फ्लैट की बिल्डिंग या उसके आस पास का स्थान जी पी ओ तक बहुत ख़तरनाक है , गड़बड़ी पूल , लाल बाग़ पैलेस रात में , स्नेहलतागंज के कुछ हिस्से , भूतिया होने के प्रमाण दे जाते है । काफ़ी पुराना शहर है , हालाँकि उज्जैन के मुक़ाबले एकदम नया , उज्जैन मध्यप्रदेश का सबसे पुराना पुरातनकाल का शहर है , वहाँ महाकाल का आशीर्वाद होने से अपूर्व शांति है , लेकिन शायद यह शांति इंदौर में नहीं है , यहाँ सदैव एक व्यग्रता एक बेचैनी शायद मिल जाएगी , कहीं ना कहीं जाना है , कुछ ना कुछ काम करना है ।

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