सामान —
ज़्यादा जीता है सामान
बनिस्बत के इंसान
ज़मीन जायदाद ,
हीरे जवाहरात ,
बर्तन, बासन ,या दूसरे अफ़रात (Luxuriance)
या तो बनते हैं विरासत
और बन जाती है हक़दार
आपकी संतान
या जायदाद भी तब्दील हो जाती है नक़दी में
बाक़ी के बिक जाते हैं या बँट जाते हैं सामान
बरसों से तिनका तिनका जोड़ कर बने हुए घर और उनमे सजे हुए एक एक सामान
जिनके साथ जुड़े होते हैं कई क़िस्से , कई अरमान ,
फ़िज़ूल की अटालपट्टी समझ कर बिक जाते या बँट जाते हैं सरे आम ,
अब जो हक़दार बन जाता है उनका ,
उनके लिए बेशक़ीमती हो सकते हैं वो सामान ,
फिर से तवज्जो पा जाते हैं वो सामान ,
सहलाए जाते , काम में लाए जाते हैं वो सामान
नई ज़िंदगी पा जाते हैं , फिर से साँस लेने लगते हैं वो सामान !!
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