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शनिवार, 24 अगस्त 2024

Nari : Kal aur Aaj !!

नारी : कल और आज 

उठो द्रोपदी शस्त्र उठा लो 

अपनी रक्षा स्वयं सम्हालो 

ना आएँगे कृष्ण कन्हैया 

तुम्हारा चीर बढ़ाने को 

ना आएँगे राम रमैया 

 शिला से अहिल्या बनाने को 

ये कलियुग है , राक्षस युग है 

छद्म वेष धारी हर ओर 

मानव रूप में छुपे भेड़िए 

घूम रहे हैं चारों ओर 

चाहे तुम हो तीन वर्ष की 

चाहे पूर्ण किए हों तीस 

गिद्ध बने सब अवसर ढूँढे 

तुम्हें नोचने खाने को 

तुम बालिका हो शाला की 

या हो सक्षम आत्म निर्भर 

चौकन्नी तुम रहना हरदम 

शस्त्रों को सदा धार देकर 

ना डरना , ना कभी झिझकना 

अपनी रक्षा में तत्पर 

दुर्गा भी तुम काली भी तुम बनो सक्षम सशक्त और बर्बर !—- निरुपमा सिन्हा

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