*यहाँ तीन मज़ेदार छोटी कहानियाँ हैं, जिनका गहरा अर्थ है और जिन्हें याद रखना चाहिए।*
*1. "गहरा अर्थ"*
मैंने एक छोटे बच्चे को लिफ्ट में आइसक्रीम खाते देखा। चिंता के कारण मैंने यूँ ही कहा, "इतनी ठंड में आइसक्रीम खाओगे तो बीमार हो जाओगे!"
बच्चे ने जवाब दिया, "मेरी दादी 103 साल तक जिंदा रहीं।"
मैंने पूछा, "क्या वो भी आइसक्रीम खाती थीं?"
बच्चे ने कहा, "नहीं, बल्कि इसलिए कि वो दूसरों के मामलों में दखल नहीं देती थीं!"
कितना गहरा सबक! अब समझ आया कि मैं इतनी जल्दी क्यों बूढ़ा हो रहा हूँ—बहुत ज्यादा फालतू की टांग अड़ा रहा हूँ!
*2. "थकान* "
आजकल हर जगह ठग घूम रहे हैं। अभी-अभी खबरों में देखा कि लोगों की जमा पूंजी अचानक गायब हो गई—हज़ारों-लाखों रुपये बिना किसी सुराग के उड़ गए।
घबराकर मैं फ़ौरन अपनी मोटरसाइकिल से बैंक पहुँचा, एटीएम कार्ड डाला, पासवर्ड डाला, और बैलेंस चेक किया। शुक्र है, मेरे ₹8000अभी भी सुरक्षित थे! मैंने राहत की साँस ली।
हे भगवान, कितना तनावपूर्ण था! कसम खाता हूँ, अब कभी खबरें नहीं देखूँगा—बहुत टेंशन हो जाता है!
बैंक से बाहर निकला तो और भी ज्यादा थकान महसूस हुई—मेरे ₹8000 तो बच गए, लेकिन मेरी मोटरसाइकिल गायब थी!
*3. "संयम रखना"*
एक युवती ट्रेन में चढ़ी और देखा कि उसकी सीट पर एक आदमी बैठा हुआ है। उसने विनम्रता से टिकट देखा और कहा, "सर, मुझे लगता है कि आप मेरी सीट पर बैठे हैं।"
आदमी ने गुस्से में अपना टिकट निकाला और चिल्लाया, "ध्यान से देखो! यह मेरी सीट है! तुम अंधी हो क्या?!"
लड़की ने चुपचाप उसका टिकट ध्यान से देखा और बहस करना बंद कर दिया। वह शांति से उसके बगल में खड़ी हो गई।
ट्रेन चलने के कुछ मिनट बाद लड़की ने हल्की आवाज़ में कहा, "सर, आप गलत सीट पर नहीं बैठे हैं, लेकिन गलत ट्रेन में बैठे हैं। यह ट्रेन कोलकाता जा रही है, और आपकी टिकट मुंबई की है।"
कुछ संयम ऐसा होता है जो लोगों को उनके व्यवहार पर पछताने पर मजबूर कर देता है। अगर चिल्लाने से सब कुछ हल हो जाता, तो गधों का ही राज होता!
*ये तीन मज़ेदार कहानियाँ इतनी बेहतरीन हैं कि इन्हें अपने तक सीमित रखना ठीक नहीं—क्यों न दूसरों के साथ भी यह हंसी बाँटी जाए?*
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