एक खुल्ली चिट्ठी --
एक खुल्ली चिट्ठी ,केजरीवाल के नाम
ए सी में बैठ कर ,नहीं होते देश के काम
मोहन गार्डन नई दिल्ली से
भेज रही हूँ ये पैगाम।
एक बार सिर्फ एक बार
आज पधारें ,स्वीकारें प्रणाम
बिना नाले की जलमग्न
गलियों का करें दर्शन
चल कर दिखाएँ पैदल
कैसे जीना हुआ हराम
आखिर क्यों छोड़ दिए
सीवर और नाले के अधूरे काम
क्या ठेकेदारों के भ्रष्टाचार का
ये है दुष्परिणाम ?
चुना था बड़ी उम्मीदों से तुम्हे
दिल्ली की जनता बिकी थी बेदाम
माना था तुम्हे मसीहा
भर भर कर लुटाया था सम्मान
उम्मीद करती हूँ कि
याद आ जायेंगे तुम्हे
अपने वादे,और अधूरे काम
वरना याद रखना
जिस तरह सर पर बिठाती है जनता
वो पटक कर गिराती भी है
अच्छी तरह वसूल करना जानती है
अपने वोटों का दाम !!
एक खुल्ली चिट्ठी ,केजरीवाल के नाम
ए सी में बैठ कर ,नहीं होते देश के काम
मोहन गार्डन नई दिल्ली से
भेज रही हूँ ये पैगाम।
एक बार सिर्फ एक बार
आज पधारें ,स्वीकारें प्रणाम
बिना नाले की जलमग्न
गलियों का करें दर्शन
चल कर दिखाएँ पैदल
कैसे जीना हुआ हराम
आखिर क्यों छोड़ दिए
सीवर और नाले के अधूरे काम
क्या ठेकेदारों के भ्रष्टाचार का
ये है दुष्परिणाम ?
चुना था बड़ी उम्मीदों से तुम्हे
दिल्ली की जनता बिकी थी बेदाम
माना था तुम्हे मसीहा
भर भर कर लुटाया था सम्मान
उम्मीद करती हूँ कि
याद आ जायेंगे तुम्हे
अपने वादे,और अधूरे काम
वरना याद रखना
जिस तरह सर पर बिठाती है जनता
वो पटक कर गिराती भी है
अच्छी तरह वसूल करना जानती है
अपने वोटों का दाम !!
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