ज़िन्दगी ---------
ज़िन्दगी हर कदम एक सवाल
हर कदम एक जवाब
कभी रुकी रुकी सी
कभी बेतहाशा भागती
कभी उदास ,उचाट ,उजाड़ सी
कभी महकती फूलों सी
कभी दुर्गम चट्टानों पर
हांफती पसीना बहाती
खुश्क गले और खुश्क होठों पर
शुष्क सी जुबान फेरती
कभी हसीं वादियों में
बर्फ की फिसलन भरी राह में
हंसती मुस्कुराती फिसलती सी
कभी बेहद अकेली
कभी शोरोगुल में मदमस्त सी
कितनी रंगीन ,कितनी बदरंग
कितनी नीरस ,कितनी रसभरी
वाकई ,क्या नायाब चीज है जिंदगी !
ज़िन्दगी हर कदम एक सवाल
हर कदम एक जवाब
कभी रुकी रुकी सी
कभी बेतहाशा भागती
कभी उदास ,उचाट ,उजाड़ सी
कभी महकती फूलों सी
कभी दुर्गम चट्टानों पर
हांफती पसीना बहाती
खुश्क गले और खुश्क होठों पर
शुष्क सी जुबान फेरती
कभी हसीं वादियों में
बर्फ की फिसलन भरी राह में
हंसती मुस्कुराती फिसलती सी
कभी बेहद अकेली
कभी शोरोगुल में मदमस्त सी
कितनी रंगीन ,कितनी बदरंग
कितनी नीरस ,कितनी रसभरी
वाकई ,क्या नायाब चीज है जिंदगी !
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