मेरे बारे में---Nirupama Sinha { M,A.{Psychology}B.Ed.,Very fond of writing and sharing my thoughts

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शनिवार, 27 मई 2017

Bikhare Panne : Ek Thi Nirupama !!{56}

उस समय बाटा स्लीपर्स के रूप में सामने से जूती  नुमा दो छेदों वाली {एक अंगूठे  व एक छोटी उंगली की ओर }बाजार में मौजूद थी,वे ज्यादातर बड़ों के लिए ही काले रंग की हुआ करती थीं।लेकिन नयी नयी बच्चों के लिए भी लाल रंग की बाजार में आयी और मम्मी मेरे लिए खरीद कर लाई।उसे पहन कर मैं खाली  प्लाट वाले मैदान में खेलने के लिए गयी .उन्हें पहन कर दौड़ना संभव न था इसलिए मैंने उन्हें उतार कर रख दिया और खेलने में मशगूल हो गयी .जब घर वापस आयी तो याद आया की स्लीपर्स तो वहीँ छूट गए थे दौड़ कर उन्हें लाने गयी पर वे गायब हो गए थे .मुझे सख्त अफ़सोस हुआ बिना पहने ही नये  स्लीपर्स गायब हो गए ऐसी ही और भी घटनाएँ  मेरे बचपन में घटी।---क्रमशः ----

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