मेरे बारे में---Nirupama Sinha { M,A.{Psychology}B.Ed.,Very fond of writing and sharing my thoughts

मेरी फ़ोटो
I love writing,and want people to read me ! I some times share good posts for readers.

गुरुवार, 26 मई 2016

Mohbhang !!

मोहभंग !!

तितलियों परिन्दों सा ,फुर्र से उड़ जाता है बचपन ,
नदियों समंदर की ,उत्ताल तरंगों सा लगता है ,
लुभावना यौवन
विवाह का पूर्वोत्तर भाग
सोने से दिन ,चांदी सी रातें ,दिखलाता ,प्रेम अनुबंध ,
इसके पश्चात् कठोर परिश्रम का आरम्भ,
पुत्र-पुत्रियों का शिक्षण पाणिग्रहण,
और जुटाने में उसके लिए साधन संसाधन
और जब तक सम्पूर्ण होता इन सभी
कार्यों का निर्वहन
निरन्तर समाप्त होती ऊर्जा से
वृद्धावस्था का हो चुका होता है आगमन
प्राचीन काल में ,पुत्रों ,कुलवधुओं को
कारोबार घर की चाभियां सौंप कर
करते थे वृद्ध दम्पति वनगमन
कुटिया बनाकर बिताने जीवन
यही होता था वानप्रस्थ आश्रम
किन्तु आज ! पुत्र-पुत्रियां ,कुलवधुएं ही
सुदूर देशों में कर जाते हैं गमन
वहीँ जीने को आजीवन
करने अपनी अपनी महत्वकांक्षाओं का सम्पादन
वृद्ध दम्पति के लिए ,बन जाता है
वानप्रस्थ अपना ही निकेतन
अब बचा रहता है जो जीवन
उसे व्यतीत करना चाहते हैं वे,
स्वयं उसे सवांरने सुरक्षित करने के लिए
न उनका मन ना मस्तिष्क
राजी होता है अब
देखने दिखाने में उलझन सुलझन
हो चुका होता है उनका
इन सभी बातों से मोहभंग !

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

Dharavahik crime thriller (144) Apradh !!

It took about  three hours to complete the wedding rituals. About 200 people attended the wedding all from Brajesh Shukla’s circle. Kalpesh ...

Grandma Stories Detective Dora},Dharm & Darshan,Today's Tip !!