मेरे बारे में---Nirupama Sinha { M,A.{Psychology}B.Ed.,Very fond of writing and sharing my thoughts

मेरी फ़ोटो
I love writing,and want people to read me ! I some times share good posts for readers.

शनिवार, 30 जुलाई 2016

Samaan !! {1}

इंसान और सामान !

क्या अजीब सा लग रहा है यह शीर्षक ?
सोच में पड़ गए हो और करने लगे हो ध्यान !
लेकिन सच्चाई है ये इंसानी ज़िन्दगी  की
जो घूमती रहती है इर्द गिर्द ,बीच में होता है सामान
हाँ समय काल परिस्थिति और आविष्कार वश
बदलते रहते हैं इसके नाम या कि काम !
यह  होता है जरूरी ,हर शख्स के लिए
चाहे बच्चा बूढा या फिर जवान
खिलौनों से  ले के ,अंतिम संस्कार तक इंसान
बनाता रहता है लिस्ट ,क्या क्या लगेगा सामान
गृहिणी रोज थमा  देती है पति को
क्या क्या ख़त्म  हो गया हो गया है ,
और क्या लाना है सामान
बाजार और उपभोक्तावाद भी पूरी तरह
धन कमाने की होड़ में
कैसे नए नए तरीकों से परिचित कराएं
नए नए सामान
कार  फोन टीवी फ्रिज़ वाशिंग मशीन
तरह तरह  के घरेलू उत्पाद
या फिर कसरत के सामान
पिज़्ज़ा बर्गर स्पेगेटी जैसे खाने के सामान
हर व्यक्ति की जेब और स्तर के अनुकूल सामान
जूझता रहता है इंसान सारी ज़िंदगी
खरीदने को सामान
जब मिलता है तोहफे में प्यार के साथ कोई सामान
कितनी ख़ुशी मिलती है उसे,जब पाता है महंगा सामान
और सोचा करता है उसके बारे में
 जिसने भेजा या दिया है वो सामान
मायके से बेटियों को ,भाई से बहनों को
अक्सर मिलता है तोहफों में महंगा सामान
सीसीटीवी में कैद हम देखते हैं
दरोडेखोरों का दरोडा ,
दुकान के शटर तोड़ कर
लूट लेते हैं पचास लाख  का
इलेक्ट्रॉनिक का सामान
लूट होती है रात भर ,पहर दर पहर
बड़ी ही बेफिक्री से ,बड़े ही इत्मीनान
जब मरता है तो यहीं रह जाता है "सामान"
जिस्म भी जला दिया जाता है
जब निकल जाती है जान !!

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

Dharavahik crime thriller (167) Apradh !!

Next morning Mahesh Asthana woke up early after finishing bath he went downstairs. He called Shrilal Shrilal came on the line”,After wishing...

Grandma Stories Detective Dora},Dharm & Darshan,Today's Tip !!