केजरीवाल के नाम ---
तुम आम से बन गए ख़ास
टूट गई तुमसे मिलने की आस
हम परेशानियों से जूझते रहे
जो फटकती भी नहीं तुम्हारे पास !
आम बन कर तुमने
ढेरों किये थे वादे
आधे अधूरे हैं वो
क्या तुम्हे है ये एहसास !
हर आम आदमी का चेहरा बने थे तुम
क्योंकि दिखी थी तुममे काबिलियत ख़ास !
लेकिन जनता की बड़ी बड़ी मुश्किलों से
क्या तुम हो नावाकिफ ,
या तुम हो बड़े बेबस और लाचार
या ज्यादा ही चतुर और चालाक
क्यों की जा रही हैं मुश्किलें नज़रअंदाज़
न भूलना जनता की कड़ी नज़र है तुम पर
और जल्द ही बीत जायेंगे साल पांच
वो बस्तियां जिन्होंने भर भर के वोट दिए तुमको
डूबी हुई हैं पानी में जैसे आया हो सैलाब
उनके घरों के नीचे ,उनके घरों के अंदर
उनके घरों के बाहर ,
बारिश और सीवर का पानी मार रहा है ठाठ
चैन से सोना है तो जाग जाओ केजरीवाल
बहुत पछताओगे वरना अगले चुनाव के बाद !!
तुम आम से बन गए ख़ास
टूट गई तुमसे मिलने की आस
हम परेशानियों से जूझते रहे
जो फटकती भी नहीं तुम्हारे पास !
आम बन कर तुमने
ढेरों किये थे वादे
आधे अधूरे हैं वो
क्या तुम्हे है ये एहसास !
हर आम आदमी का चेहरा बने थे तुम
क्योंकि दिखी थी तुममे काबिलियत ख़ास !
लेकिन जनता की बड़ी बड़ी मुश्किलों से
क्या तुम हो नावाकिफ ,
या तुम हो बड़े बेबस और लाचार
या ज्यादा ही चतुर और चालाक
क्यों की जा रही हैं मुश्किलें नज़रअंदाज़
न भूलना जनता की कड़ी नज़र है तुम पर
और जल्द ही बीत जायेंगे साल पांच
वो बस्तियां जिन्होंने भर भर के वोट दिए तुमको
डूबी हुई हैं पानी में जैसे आया हो सैलाब
उनके घरों के नीचे ,उनके घरों के अंदर
उनके घरों के बाहर ,
बारिश और सीवर का पानी मार रहा है ठाठ
चैन से सोना है तो जाग जाओ केजरीवाल
बहुत पछताओगे वरना अगले चुनाव के बाद !!
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