होश में आओ केजरीवाल !!!
कान में पहन लिया कनटोपा,गले में मफलर लिया है डाल,
कोई मतलब नहीं जनता से ,कभी ना जाने उसका हाल
आँख में उंगली डाल,डाल कर ,दिखा दिया है हमने हाल
फिर भी आँखें बंद कर बैठा,देखो सी एम केजरीवाल
कोई मतलब नहीं है मानो ,जनता का क्या हाल बेहाल
आधे अधूरे काम बन गए ,हम सब के जी का जंजाल
नाले बाहर खुदे नहीं हैं ,सीवर के मुंह खुले नहीं हैं
जनता से पैसे जमा किये तो ,उसमे ही पानी रही है डाल,
मोहन गार्डन के नीचे बन गया ,पूरे का पूरा ताल" बेताल "
एक एक फिट पर पानी निकले नहीं है इसमें कोई कमाल
गन्दा घर के उपयोग का पानी ,मार रहा है वही उछाल
निकम्मे हैं विधायक सारे ,अपने क्षेत्र का कुछ ना ख्याल
भूल से भी कोई ना फटका,जो जनता से पूछे उसका हाल
दीवारों में पडी दरारें,धंस गए फर्श ,ऊपर से छत जब गिरी तो ,
चार जानें ,समा गई "अकाल ही काल के गाल "
तुमको और कोई काम नहीं है,फ़िज़ूल बकवास ,बजाते गाल ,
हर घर के बाहर पेड़ लगे थे ,छाई थी हरियाली ,
मेरा सुन्दर "पारिजात"भी ,बिखेरता खुश्बू, फ़ूल,साल दर साल
सूख गया है मेरा पेड़ ,यही सारे पेड़ों का हाल ,
पर्यावरण विभाग भी जागे ," होश में आओ केजरीवाल "!!!
कान में पहन लिया कनटोपा,गले में मफलर लिया है डाल,
कोई मतलब नहीं जनता से ,कभी ना जाने उसका हाल
आँख में उंगली डाल,डाल कर ,दिखा दिया है हमने हाल
फिर भी आँखें बंद कर बैठा,देखो सी एम केजरीवाल
कोई मतलब नहीं है मानो ,जनता का क्या हाल बेहाल
आधे अधूरे काम बन गए ,हम सब के जी का जंजाल
नाले बाहर खुदे नहीं हैं ,सीवर के मुंह खुले नहीं हैं
जनता से पैसे जमा किये तो ,उसमे ही पानी रही है डाल,
मोहन गार्डन के नीचे बन गया ,पूरे का पूरा ताल" बेताल "
एक एक फिट पर पानी निकले नहीं है इसमें कोई कमाल
गन्दा घर के उपयोग का पानी ,मार रहा है वही उछाल
निकम्मे हैं विधायक सारे ,अपने क्षेत्र का कुछ ना ख्याल
भूल से भी कोई ना फटका,जो जनता से पूछे उसका हाल
दीवारों में पडी दरारें,धंस गए फर्श ,ऊपर से छत जब गिरी तो ,
चार जानें ,समा गई "अकाल ही काल के गाल "
तुमको और कोई काम नहीं है,फ़िज़ूल बकवास ,बजाते गाल ,
हर घर के बाहर पेड़ लगे थे ,छाई थी हरियाली ,
मेरा सुन्दर "पारिजात"भी ,बिखेरता खुश्बू, फ़ूल,साल दर साल
सूख गया है मेरा पेड़ ,यही सारे पेड़ों का हाल ,
पर्यावरण विभाग भी जागे ," होश में आओ केजरीवाल "!!!
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