"मैं ,कौन ?"
किस बात का "मैं " करता घमंड,
मेरा बंगला ,मेरी गाडी ,मेरा रूप मेरा रंग ,
प्रोपर्टी जो यहाँ वहां है
काला उजला मेरा धन !
सब कुछ यहीं पे रह जाएगा ,
ज्यों ही आँखें होंगी बंद
जीवन क्या है साँसे चंद,
सिलसिला आगमन गमन ,
अच्छे बुरे का चलता द्वन्द
कभी जीते यह,कभी जीते वह
समस्याओं की चलती जंग
लड़ते भिड़ते हम अपने ढंग !
किस बात का "मैं " करता घमंड,
मेरा बंगला ,मेरी गाडी ,मेरा रूप मेरा रंग ,
प्रोपर्टी जो यहाँ वहां है
काला उजला मेरा धन !
सब कुछ यहीं पे रह जाएगा ,
ज्यों ही आँखें होंगी बंद
जीवन क्या है साँसे चंद,
सिलसिला आगमन गमन ,
अच्छे बुरे का चलता द्वन्द
कभी जीते यह,कभी जीते वह
समस्याओं की चलती जंग
लड़ते भिड़ते हम अपने ढंग !
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