साक्षी सुल्तान-----
साक्षी मलिक ले आई मैडल
सबको उसपर हुआ गुमान
जब मैडल का छाया था सूखा
पडी फुहार ,बनी सुल्तान
तालिका पर जब नज़र पडी
ऊपर दो अंकों में मैडल थे
अमेरिका ,इंग्लॅण्ड ,चीन के नाम ,
भारत ने पायी है "एंट्री "
इस एकमात्र ब्रोंज़ के साथ
इतने बड़े देश में बरसों से
क्यों नहीं मिले मैडल अफरात
क्या देश में टैलेंट नहीं था ?
नहीं दृढ निश्चय आत्म विश्वास ?
टैलेंट तो भरपूर भरा है
है दृढ निश्चय आत्म विश्वास
लेकिन रोड़े कई राह में
कैसे टैलेंट करता पार
ऊपरवाले दे रहे बढ़ावा
नाकाम निकम्मे रिश्तेदार
जाने कितने पनप रहे हैं
खेलों में भी भ्र्ष्टाचार
गूंगे बहरे अक्ल के अंधे
हम भारत के ठेकेदार
भारत बेचारा सिसक रहा है
बरसों से देखो ज़ार ज़ार
आरक्षण की चट्टान के नीचे,
चोटिल घायल और लाचार ,
देशप्रेम " और देशभक्ति "
खोखले शब्द ,सच से ना कोई सरोकार ,
बोलो बोलो कुछ तो बोलो
वाणी को दो सान पे धार ,
क्यों कुछ हम सब मिल नहीं बोलते
जब नाव डुबोये खेवनहार
वरना सारे मिलकर कर देंगे
बचे खुचे का बंठाढार !
साक्षी मलिक ले आई मैडल
सबको उसपर हुआ गुमान
जब मैडल का छाया था सूखा
पडी फुहार ,बनी सुल्तान
तालिका पर जब नज़र पडी
ऊपर दो अंकों में मैडल थे
अमेरिका ,इंग्लॅण्ड ,चीन के नाम ,
भारत ने पायी है "एंट्री "
इस एकमात्र ब्रोंज़ के साथ
इतने बड़े देश में बरसों से
क्यों नहीं मिले मैडल अफरात
क्या देश में टैलेंट नहीं था ?
नहीं दृढ निश्चय आत्म विश्वास ?
टैलेंट तो भरपूर भरा है
है दृढ निश्चय आत्म विश्वास
लेकिन रोड़े कई राह में
कैसे टैलेंट करता पार
ऊपरवाले दे रहे बढ़ावा
नाकाम निकम्मे रिश्तेदार
जाने कितने पनप रहे हैं
खेलों में भी भ्र्ष्टाचार
गूंगे बहरे अक्ल के अंधे
हम भारत के ठेकेदार
भारत बेचारा सिसक रहा है
बरसों से देखो ज़ार ज़ार
आरक्षण की चट्टान के नीचे,
चोटिल घायल और लाचार ,
देशप्रेम " और देशभक्ति "
खोखले शब्द ,सच से ना कोई सरोकार ,
बोलो बोलो कुछ तो बोलो
वाणी को दो सान पे धार ,
क्यों कुछ हम सब मिल नहीं बोलते
जब नाव डुबोये खेवनहार
वरना सारे मिलकर कर देंगे
बचे खुचे का बंठाढार !
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