दाल के दलाल
बचपन में मैं उछल उछल कर
किया करती खूब धमाल
मांगीलाल चने की दाल
उड़ गई टोपी रह गए बाल
ये मुंह और मसूर की दाल
कभी नहीं सोचा था मैंने
मेरा “विषय ” बनेगी दाल
बाजार में बिक रही थी महँगी महँगी सारी दाल
रानी इनकी बनी हुई है ,सोने सी तुअर की दाल
मोदी जी के अच्छे दिन ने कैसा कर दिखाया कमाल
अब थाली में रोटी सब्जी ,चावल के ऊपर है दाल
जिस गरीब की थाली की रोटी ,नीचे से उसकी लंगोटी
छीन रहा था अमीर नेता ,बना रहा है मोटा माल
जब से मोदी जी ने आकर देश को मेरे लिया सम्हाल
राहत पाई है हम सबने अब ना होगा हाल बेहाल !!
Post navigation
बचपन में मैं उछल उछल कर
किया करती खूब धमाल
मांगीलाल चने की दाल
उड़ गई टोपी रह गए बाल
ये मुंह और मसूर की दाल
कभी नहीं सोचा था मैंने
मेरा “विषय ” बनेगी दाल
बाजार में बिक रही थी महँगी महँगी सारी दाल
रानी इनकी बनी हुई है ,सोने सी तुअर की दाल
मोदी जी के अच्छे दिन ने कैसा कर दिखाया कमाल
अब थाली में रोटी सब्जी ,चावल के ऊपर है दाल
जिस गरीब की थाली की रोटी ,नीचे से उसकी लंगोटी
छीन रहा था अमीर नेता ,बना रहा है मोटा माल
जब से मोदी जी ने आकर देश को मेरे लिया सम्हाल
राहत पाई है हम सबने अब ना होगा हाल बेहाल !!
Post navigation
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें