एक थे मियाँ फुसफुस कारतूस
नंबर एक के शक्की झक्की
कंजूस ,मक्खीचूस
भेजे में थी शक की भूस
मुलाज़िमों की मेंहनत मशक़्क़त
पायी दौलत जिनकी बदौलत
पैर के अंगूठे के नीचे
दबाकर निकालें उनका जूस
एक थे उनके सिपाहसालार,
बुजुर्ग ,दानिशमंद और समझदार
बरसों से सम्हाला किये उनका बढ़ता कारोबार,
दी जा सके ना कोई मिसाल ,
इतने मेहनती ,ईमानदार,
चिराग लेकर ढूंढने पर भी
मिल न सकेगा उनसा कभी,एक भी बार
हवा में तैरती हुई सुनी हमने खबर
ढूंढ रहे हैं मियां फुसफुस कारतूस
एक नया रंगरूट,सम्हाले जो हिसाब-किताब
बनकर उनका ताबेदार ———-
नंबर एक के शक्की झक्की
कंजूस ,मक्खीचूस
भेजे में थी शक की भूस
मुलाज़िमों की मेंहनत मशक़्क़त
पायी दौलत जिनकी बदौलत
पैर के अंगूठे के नीचे
दबाकर निकालें उनका जूस
एक थे उनके सिपाहसालार,
बुजुर्ग ,दानिशमंद और समझदार
बरसों से सम्हाला किये उनका बढ़ता कारोबार,
दी जा सके ना कोई मिसाल ,
इतने मेहनती ,ईमानदार,
चिराग लेकर ढूंढने पर भी
मिल न सकेगा उनसा कभी,एक भी बार
हवा में तैरती हुई सुनी हमने खबर
ढूंढ रहे हैं मियां फुसफुस कारतूस
एक नया रंगरूट,सम्हाले जो हिसाब-किताब
बनकर उनका ताबेदार ———-
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