दो पार्टी बनी रही बरसों से करती अगुआई
एक दूजे की बनी रही वे हितचिंतक छुपी छुपाई
जनता के आगे दोनों ने ज़ाहिर की लड़ाई
पीठ पीछे दोनों ही थे चोर चोर मौसरे भाई
जनता को मूर्ख बना कर दोनों ने बरसों चाटी खूब मलाई
“झाड़ू” ही अब कर देगी ,दोनों की साफ़ सफाई
दो दिन की ही बात बची है,”जीत” जमी जमाई
दस तारीख को खूब बंटेगी ,दिल्ली भर में मिठाई
एक दूजे की बनी रही वे हितचिंतक छुपी छुपाई
जनता के आगे दोनों ने ज़ाहिर की लड़ाई
पीठ पीछे दोनों ही थे चोर चोर मौसरे भाई
जनता को मूर्ख बना कर दोनों ने बरसों चाटी खूब मलाई
“झाड़ू” ही अब कर देगी ,दोनों की साफ़ सफाई
दो दिन की ही बात बची है,”जीत” जमी जमाई
दस तारीख को खूब बंटेगी ,दिल्ली भर में मिठाई
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