GHOTAALE——
घोटालों से भरा देश है
बरसों से चलते आये घोटाले
चाहे जो सरकार बनी हो
निकले घोटाले पर घोटाले
ये सरकार वो सरकार
चाहे जिसकी हो सरकार
झूठ बोलते सारे नेता
दिखलाते हैं पाक साफ़ से
लेकिन असली में है ” काले”
मली हुई कालिख अंतर्मन
सारे वजूद पर धब्बे काले
ना खाऊँ ना खाने देऊँ
ये सारे हैं ढोंग” दोगले ”
खाते खाते पेट भरे ना
देश को चाहे जितना खालें
एक से बढ़कर एक है एक्टर
हमदर्दी के बुनता जाले
उस जाले में फाँसे जनता को
जिससे कुर्सी को फिर “पा ले”
आँखे खोलो ,बंद दिमाग की
सोचो समझो ,इनको जानो
बरसों से चलते आये घोटाले
चाहे जो सरकार बनी हो
निकले घोटाले पर घोटाले
ये सरकार वो सरकार
चाहे जिसकी हो सरकार
झूठ बोलते सारे नेता
दिखलाते हैं पाक साफ़ से
लेकिन असली में है ” काले”
मली हुई कालिख अंतर्मन
सारे वजूद पर धब्बे काले
ना खाऊँ ना खाने देऊँ
ये सारे हैं ढोंग” दोगले ”
खाते खाते पेट भरे ना
देश को चाहे जितना खालें
एक से बढ़कर एक है एक्टर
हमदर्दी के बुनता जाले
उस जाले में फाँसे जनता को
जिससे कुर्सी को फिर “पा ले”
आँखे खोलो ,बंद दिमाग की
सोचो समझो ,इनको जानो
ऐसा ना हो ,हरबार की तरह
फिर से इनके “झांसे” में आ लें
जितना भी बचा खुचा है देश
आओ हम सब उसे सम्हाले !!
जितना भी बचा खुचा है देश
आओ हम सब उसे सम्हाले !!
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें